उच्चतम न्यायालय ने बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की स्वीकृति दी
बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर उच्चतम न्यायालय की सुनवाई
शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया, जिसमें उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में जमानत देने से मना कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति एन वी अंजारी की पीठ ने मजीठिया की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए 19 जनवरी को सुनवाई निर्धारित की। हालांकि, इसने अंतरिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय ने चार दिसंबर को अपने आदेश में मजीठिया की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि जांच को प्रभावित करने की संभावना को नकारा नहीं किया जा सकता।
पंजाब सतर्कता ब्यूरो को तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि इसके बाद मजीठिया जमानत पर रिहाई का अनुरोध कर सकते हैं।
सुनवाई के दौरान, मजीठिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस मुरलीधर ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत एक मामले में जमानत दी गई थी।
उन्होंने यह भी बताया कि उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें मजीठिया को दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी। पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने 25 जून को मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसमें उन पर 540 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा करने का आरोप है। मजीठिया के खिलाफ प्राथमिकी पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम द्वारा 2021 में मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले की जांच से संबंधित है।
