आजम खान का राजनीतिक सफर: जेल से लौटने के बाद की बातें
आजम खान की राजनीतिक पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम नेता और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य मोहम्मद आजम खान, जो 10 बार विधायक रह चुके हैं, हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं। पिछले महीने उनकी रिहाई के बाद, वह राजनीति में कम सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। उन पर 2019 में कई गंभीर आरोप लगे थे, जिनमें अवैध भूमि कब्जा, धोखाधड़ी, आपराधिक मामले और अभद्र भाषा के आरोप शामिल हैं। अब, सपा प्रमुख अखिलेश यादव उनके घर मिलने आ रहे हैं, और खान ने स्पष्ट किया है कि वह केवल अखिलेश से ही मिलेंगे।
जेल में बिताए दिनों का अनुभव
खान ने एक इंटरव्यू में जेल में बिताए समय के अनुभव साझा करते हुए कहा कि वहां लोगों का व्यवहार बहुत मानवीय था। वह पिछले महीने 23 महीने की सजा पूरी करके लौटे हैं, और इससे पहले भी उन्होंने 27 महीने जेल में बिताए थे।
अखिलेश से मिलने की खुशी
आजम खान ने कहा कि जब अखिलेश यादव उनसे मिलने आएंगे, तो उन्हें खुशी होगी और उनका सम्मान बढ़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी और से नहीं मिलना चाहते। उन्होंने यह भी बताया कि उनके परिवार का हालचाल पूछने वाला कोई नहीं था।
विपक्षियों पर टिप्पणी
खान ने रामपुर सदर विधानसभा सीट पर बीजेपी के आकाश सक्सेना की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सक्सेना की कोई वास्तविक हैसियत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर मीडिया ने सच दिखाया होता, तो स्थिति अलग होती।
मुलायम और अखिलेश का कार्यशैली
आजम खान ने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के कार्यों की तुलना करते हुए कहा कि मुलायम ने पार्टी को मजबूत किया है, जबकि अखिलेश इसे संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश एक सुसंस्कृत नेता हैं।
वोट चोरी के आरोप
बिहार में हुए एसआईआर और बीजेपी पर वोट चोरी के आरोपों पर खान ने कहा कि ये सब बेकार के मुद्दे हैं। उन्होंने राहुल, अखिलेश और तेजस्वी यादव को सलाह दी कि रामपुर के उपचुनाव में जो हुआ, उसे प्रतीक बनाना चाहिए।
स्वतंत्रता का जिक्र
जब आजम खान से पूछा गया कि क्या अखिलेश ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कभी किसी की मदद की जरूरत नहीं पड़ी। उनका मानना है कि उनका अस्तित्व उन्हें सही दिशा में ले जाएगा।
गठबंधन की आवश्यकता
आजम खान ने कहा कि वह कांग्रेस के आलोचक रहे हैं, लेकिन अब गठबंधन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एकजुट रहना बेहतर है।