आगरा में ऐतिहासिक हवेली पर बुलडोजर कार्रवाई से सियासत गर्माई

आगरा में ऐतिहासिक धरोहर पर बुलडोजर का हमला
आगरा में ऐतिहासिक धरोहर पर बुलडोजर की कार्रवाई ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने औरंगजेब की हवेली को गिराने के मामले में केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय से कानूनी कदम उठाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि ध्वस्त हिस्से का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए और जो हिस्सा सुरक्षित है, उसका संरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐतिहासिक इमारतों पर बुलडोजर की कार्रवाई की आलोचना की। उन्होंने लिखा, 'आगरा में अवैध रूप से गिराई गई ऐतिहासिक धरोहर के मामले में हमारी संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्त्व विभाग से निम्नलिखित मांगें हैं:
1. सभी दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए।
2. प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
3. जो हिस्सा ध्वस्त हुआ है, उसका पुनर्निर्माण तुरंत शुरू किया जाए।
4. जो शेष बचा है, उसका संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।' उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के शासन में न तो इतिहास सुरक्षित है और न ही भविष्य का निर्माण हो रहा है।

मामले की पृष्ठभूमि
आगरा में ऐतिहासिक इमारत मुबारक मंजिल, जो औरंगजेब की हवेली के नाम से जानी जाती है, को एक बिल्डर द्वारा बुलडोजर से ध्वस्त किया गया है। इस इमारत का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा नष्ट हो गया है। यह इमारत 17वीं सदी के मुगल इतिहास की धरोहर थी, जिसे औरंगजेब ने सामोगढ़ की लड़ाई में जीत के बाद बनवाया था। इसके बाद शाहजहां, शुजा और ब्रिटिश अधिकारियों ने भी इसका उपयोग किया। इस इमारत के ध्वस्त होने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया है।
सितंबर में राज्य पुरातत्व विभाग ने मुबारक मंजिल के संरक्षण के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। दो हफ्ते पहले अधिकारी इसका निरीक्षण करने आए थे, लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद इस इमारत को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया।