असम में भूमि विवाद के चलते हिंसा: दो की मौत, 45 घायल
असम में भूमि विवाद से उपजी हिंसा
असम के कार्बी आंगलोंग जिले में लंबे समय से चल रहे भूमि खाली कराने के विवाद ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है। हालिया झड़पों में दो व्यक्तियों की जान चली गई, जबकि 45 से अधिक लोग घायल हुए, जिनमें 38 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है और कड़ी निषेधाज्ञा लागू की है। पुलिस के अनुसार, खेरोनी और उसके आस-पास के क्षेत्रों में कई घरों, दुकानों और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है।
हिंसा का दायरा डोंगकामुकाम तक फैल गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंगलोंग ऑटोनॉमस काउंसिल (KAAC) के प्रमुख तुलिराम रोंगहांग के पैतृक निवास को आग के हवाले कर दिया। प्रशासन का कहना है कि स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है, हालांकि भारी सुरक्षा बल तैनात हैं।
असम हिंसा पर 10 महत्वपूर्ण अपडेट्स
1. इंटरनेट सेवाएं निलंबित: कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं, लेकिन वॉयस कॉल और फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू हैं।
2. झड़पों में दो की मौत: खेरोनी और डोंगकामुकाम में दो गुटों के बीच संघर्ष में दो लोगों की जान गई, जबकि 45 लोग घायल हुए। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।
3. विवाद की जड़: हिंसा का कारण विलेज ग्रेजिंग रिजर्व (VGR) और प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व (PGR) की भूमि से कथित अतिक्रमण हटाने की मांग है। ये भूमि संविधान की छठी अनुसूची के तहत संरक्षित हैं।
4. भूख हड़ताल से बढ़ा तनाव: स्थिति तब और बिगड़ गई जब भूख हड़ताल पर बैठे नौ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा, जिससे उनकी गिरफ्तारी की अफवाहें फैल गईं।
5. KAAC प्रमुख के निवास पर हमला: सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने तुलिराम रोंगहांग के पैतृक आवास में आग लगा दी। इसके अलावा कई दुकानें, मोटरसाइकिलें और सरकारी संपत्तियां भी क्षतिग्रस्त की गईं।
6. धारा 163 लागू: प्रशासन ने भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने, रैलियों और लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक है। शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक आवाजाही भी सीमित की गई है।
7. अफवाहों पर रोक: असम गृह एवं राजनीतिक विभाग ने कहा कि इंटरनेट बंद करने का निर्णय अफवाहों और भड़काऊ सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए लिया गया है।
8. पुलिस की अपील: आईजी (कानून-व्यवस्था) अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि शांति वार्ता जारी है और लोगों से अपील की गई है कि वे कानून अपने हाथ में न लें।
9. मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया: मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
10. पुराना और जटिल भूमि विवाद: यह आंदोलन छठी अनुसूची वाले पहाड़ी जिले में 7,184 एकड़ से अधिक संरक्षित भूमि पर कथित अतिक्रमण से संबंधित है। मामला गुवाहाटी हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसने फिलहाल बेदखली अभियान पर रोक लगा रखी है।
