अनोखे मंदिरों के चमत्कार: जब भक्त करते हैं अजीबोगरीब प्रथाएं
मंदिरों के अनोखे किस्से
मंदिरों के अनोखे किस्से – जब हम किसी समस्या में होते हैं, तो हम भगवान की शरण में जाते हैं और मन्नतें मांगते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि अगर उनकी इच्छा पूरी हो गई, तो वे दान देंगे, जबकि अन्य पैदल चलकर दर्शन करने का वादा करते हैं। ये दोनों ही कार्य आम हैं, लेकिन हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां आने वाले भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जाते हैं।
राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी धाम तो आप जानते ही होंगे, जो भूत-प्रेत की बाधाओं और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए जाना जाता है। यहां भक्तों को उल्टा लटकाने से लेकर पीटने तक की प्रक्रिया अपनाई जाती है। लेकिन कुछ अन्य मंदिरों में भी ऐसे अजीबोगरीब वाकये होते हैं, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में –
- कोडुंगल्लूर मंदिर
केरल का कोडुंगल्लूर मंदिर मां भद्रकाली को समर्पित है। यहां हर साल भरणी महोत्सव मनाया जाता है, जिसमें मुर्गे की बलि दी जाती है और मां काली को अभद्र शब्दों से संबोधित किया जाता है। इसका उद्देश्य उन्हें प्रसन्न करना होता है।
- चन्नापटना डॉग टेम्पल
कर्नाटक के इस अनोखे मंदिर में कुत्तों की पूजा की जाती है। यहां कुत्तों की दो मूर्तियां भी स्थापित हैं। एक समुदाय कुत्तों को देवता मानता है और उनकी पूजा करता है, यह मानते हुए कि कुत्ते बुराई को समाप्त कर अच्छाई की स्थापना कर सकते हैं।
- दिगंबेश्वर मंदिर
कर्नाटक का यह मंदिर सामान्य मंदिरों की तरह दिखता है, लेकिन यहां एक धार्मिक आयोजन में बच्चों को 30 फीट की ऊंचाई से नीचे फेंका जाता है। ऐसा करने से बच्चों का भाग्योदय होता है और वे स्वस्थ रहते हैं।
- सथ गुबंज मस्जिद
गुलमर्ग, कर्नाटक की यह मस्जिद वास्तुकला के लिए जानी जाती है। यहां बच्चों को गर्दन तक कीचड़ में डाला जाता है, मान्यता है कि इससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकलांगता दूर होती है।
- ओम बन्ना मंदिर
जोधपुर का यह मंदिर एक खास बाइक, '350 CC रॉयल एनफील्ड', की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यह बाइक 1988 में एक युवक की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद से पूजा जा रही है, जिससे सुरक्षित ड्राइविंग का संदेश दिया जाता है।
- कर्णी माता मंदिर
राजस्थान के देशनोक का कर्णी माता मंदिर चूहों के लिए प्रसिद्ध है, जहां लगभग 25,000 काले चूहे मौजूद हैं। इन चूहों को पूजनीय माना जाता है और लोग इनसे दूर रहते हैं। चूहों के मुंह लगे खाद्य पदार्थों को खाना सम्मानजनक माना जाता है।
- काली सिंह मंदिर
मुजफ्फरनगर का यह मंदिर अनोखा है, जहां लोग अपने दुधारू जानवरों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं, ताकि वे अधिक दूध दे सकें।
इन मंदिरों के किस्से पढ़कर आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि ये सब क्या है? जो भी हो, यह सच है। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो इसे साझा करना न भूलें।
