पीसीओएस से हैं परेशान? रोज करें ये योगासन और पाएं आराम

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। आजकल कई महिलाओं को पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या होती है। इससे मासिक धर्म अनियमित हो जाता है, वजन बढ़ता है और कई बार प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है। दवाइयों के साथ-साथ योग करने से भी इस समस्या में आराम मिलता है। योग से शरीर मजबूत होता है, तनाव कम होता है और मासिक धर्म ठीक रहता है। आयुष मंत्रालय ने कई ऐसे आसान योगासन को लेकर दावा किया है, जिनका नियमित अभ्यास करने से पीसीओएस की समस्या में राहत मिलती है।
मलासन: मलासन को 'गार्लिक पोज' भी कहते हैं। यह आसन खासतौर पर महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी है। पीसीओएस में अनियमित पीरियड्स और पेट के नीचे दर्द की समस्या आम होती है। मलासन करने से जांघों और कमर की मांसपेशियों को ताकत मिलती है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे पेट और पेल्विक मजबूत होते हैं। ऐसे में मासिक धर्म की अनियमितता की समस्या दूर होती है।
पवनमुक्तासन: यह आसन पेट की गैस और अपच की समस्या दूर करने के लिए जाना जाता है, लेकिन पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं के लिए भी बहुत फायदेमंद है। पवनमुक्तासन से पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे न केवल पेट दर्द में राहत मिलती है, बल्कि मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है। साथ ही, इस आसन से हार्मोनल संतुलन बनाने में मदद मिलती है, जिससे पीरियड नियमित रहते हैं।
बद्धकोणासन: यह आसन महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। जब पेल्विक फ्लोर यानी निचले हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, तो मासिक धर्म नियमित रहता है और हार्मोन संतुलित होते हैं। बद्धकोणासन से हिप्स खुलते हैं और पेल्विक हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इससे पीसीओएस की वजह से होने वाली अनियमितता में सुधार आता है और साथ ही दर्द और सूजन भी कम होती है।
चक्की चलासन: यह आसन खासतौर पर वजन नियंत्रण में मदद करता है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं का वजन बढ़ना आम बात है, जो और भी कई समस्याएं बढ़ा देता है। चक्की चलासन करने से पेट के अंग मजबूत होते हैं और पेट अंदर जाता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और अतिरिक्त वसा कम होती है। इसके अलावा, यह आसन यूरिनरी इंफेक्शन से भी लड़ने में मदद करता है, जो पीसीओएस के साथ अक्सर होता है।
--आईएएनएस
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