सोशल मीडिया के खतरनाक उपाय: दांत दर्द के लिए ओलियंडर के बीज का सेवन जानलेवा

सोशल मीडिया पर स्वास्थ्य संबंधी उपायों का गलत उपयोग जानलेवा साबित हो सकता है। झारखंड में एक व्यक्ति ने दांत दर्द के लिए ओलियंडर के बीज का सेवन किया, जिससे उसकी मौत हो गई। विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट पर देखे गए उपायों का उपयोग करना खतरनाक हो सकता है। जानें इस मामले के पीछे की सच्चाई और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह।
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सोशल मीडिया के खतरनाक उपाय: दांत दर्द के लिए ओलियंडर के बीज का सेवन जानलेवा

सोशल मीडिया का प्रभाव और स्वास्थ्य जोखिम

सोशल मीडिया के खतरनाक उपाय: दांत दर्द के लिए ओलियंडर के बीज का सेवन जानलेवा


आजकल सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह न केवल लोगों को जोड़ता है, बल्कि अपनी भावनाओं को साझा करने और समाज में चल रही घटनाओं की जानकारी प्राप्त करने का एक प्रमुख साधन भी है। हालांकि, इसका गलत उपयोग गंभीर परिणाम दे सकता है, यहां तक कि जानलेवा भी।


हाल ही में झारखंड में एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है, जिसने दांत के दर्द के लिए यूट्यूब पर देखे गए उपाय का अत्यधिक सेवन किया।


अजय महतो नामक व्यक्ति ने दांत दर्द के इलाज के लिए ओलियंडर के बीज का सेवन किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो गई। प्रारंभ में, उसने वीडियो में बताए गए उपायों के अनुसार बीजों की अधिक मात्रा खा ली। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु की पुष्टि हुई।


महतो के पिता ने बताया कि उनका बेटा प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा था और एक सप्ताह पहले उसके दांत में तेज दर्द हुआ था। उसने कई वीडियो देखने के बाद ओलियंडर के बीज का उपाय अपनाया। यह जानना आवश्यक है कि ओलियंडर के बीज दांत दर्द के इलाज के लिए सुरक्षित नहीं हैं। वास्तव में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ओलियंडर के बीज और पत्तियों में गंभीर विषाक्तता हो सकती है.


विशेषज्ञों का कहना है कि ओलियंडर का पौधा 15वीं शताब्दी से हर्बल चिकित्सा में उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन इसके उपयोग के लिए सही मात्रा और विधि का ज्ञान होना आवश्यक है। यह एक विषैले पौधे के रूप में जाना जाता है, और इसके बिना विशेषज्ञ की सलाह के उपयोग से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय

गुरुग्राम के इंटेंसिव केयर डॉक्टर नंदन समीर ने कहा कि यह मामला अकेला नहीं है। अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं जहां लोग इंटरनेट से जानकारी लेकर खुद इलाज करने की कोशिश करते हैं, और जब स्थिति बिगड़ती है, तब अस्पताल पहुंचते हैं। यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है, क्योंकि सोशल मीडिया पर मेडिकल वीडियो की प्रमाणिकता की कोई गारंटी नहीं होती।


डॉ. नंदन ने यह भी बताया कि हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और कार्यप्रणाली अलग होती है। इसलिए, जो दवा एक व्यक्ति के लिए फायदेमंद है, वह दूसरे के लिए भी उतनी ही प्रभावी हो, यह जरूरी नहीं है। यदि डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं अलग-अलग प्रभाव डाल सकती हैं, तो सोशल मीडिया पर देखे गए उपायों का उपयोग करना गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।


इसलिए, किसी भी बीमारी के लिए इंटरनेट पर बताए गए उपायों का उपयोग न करें और न ही किसी अन्य व्यक्ति के पर्चे पर लिखी दवाओं का सेवन करें। डॉक्टर हमेशा आपकी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर दवाएं निर्धारित करते हैं।