साइलेंट हार्ट अटैक: लक्षण और बचाव के उपाय

साइलेंट हार्ट अटैक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो बिना किसी स्पष्ट लक्षण के होती है। यह स्थिति तेजी से बढ़ती जा रही है, और इसके लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, जिससे लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। इस लेख में, हम साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण, इसके कारण और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस खतरनाक स्थिति से बचा जा सकता है।
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साइलेंट हार्ट अटैक: लक्षण और बचाव के उपाय

साइलेंट हार्ट अटैक क्या है?

साइलेंट हार्ट अटैक: लक्षण और बचाव के उपाय

साइलेंट हार्ट अटैक क्या है? Image Credit source: Getty Images

साइलेंट हार्ट अटैक: आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी, बढ़ते तनाव और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि हो रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल लगभग 1.8 करोड़ लोग हार्ट से संबंधित बीमारियों के कारण अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से एक तिहाई मामले हार्ट अटैक के होते हैं। चिकित्सकों का कहना है कि साइलेंट हार्ट अटैक, जो बिना किसी स्पष्ट लक्षण के होता है, अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। इसे 'साइलेंट' इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें मरीज को सामान्य हार्ट अटैक की तरह तेज दर्द या बेचैनी का अनुभव नहीं होता। यह चुपचाप होता है और कई बार तब तक पता नहीं चलता जब तक स्थिति गंभीर न हो जाए।

साइलेंट हार्ट अटैक का मुख्य कारण हार्ट की नसों में कोलेस्ट्रॉल और वसा का जमाव है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान, तनाव और असंतुलित आहार इसके प्रमुख कारण हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण अधिक अस्पष्ट होते हैं, जिससे निदान में देरी हो सकती है। 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, मधुमेह के मरीज और कम सक्रिय रहने वाले लोग इस समस्या के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। लगातार थकान, नींद की कमी और मानसिक तनाव भी इस स्थिति को बढ़ा सकते हैं। यह धीरे-धीरे हार्ट की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाकर गंभीर हार्ट रोग में बदल सकता है.


साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण

साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं?

राजीव गांधी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. अजीत जैन के अनुसार, साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर बहुत हल्के या असामान्य होते हैं, जिससे लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। इसमें सीने में हल्का दबाव या जलन महसूस हो सकती है, जो सामान्य एसिडिटी या गैस के समान लगती है। इसके अलावा, पीठ, गर्दन, जबड़े या कंधे में हल्का दर्द, सांस फूलना, अचानक थकान या नींद में परेशानी जैसे संकेत भी हो सकते हैं.

कभी-कभी पसीना आना, मतली या उलझन भी इस स्थिति का लक्षण हो सकता है। मधुमेह के मरीजों में दर्द का अनुभव कम होने के कारण यह हार्ट अटैक बिना दर्द के भी हो सकता है। इसलिए यदि शरीर में बार-बार ऐसी समस्याएं हो रही हैं, तो इसे मामूली समझकर अनदेखा न करें। समय पर ECG या डॉक्टर की जांच से इस खतरे को पहचाना जा सकता है.


साइलेंट हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

कैसे करें बचाव

नियमित रूप से रक्तचाप और शुगर स्तर की जांच करें.

रोजाना 30 मिनट व्यायाम या टहलें.

स्वस्थ आहार लें, तली और मीठी चीजों से परहेज करें.

धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें.

पर्याप्त नींद लें और तनाव को कम करने का प्रयास करें.