सर्दियों के दौरान हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। इस मौसम में यह सवाल उठता है कि ठंड के कारण हार्ट अटैक क्यों होते हैं। वास्तव में, ठंड का मौसम रक्त संचार को प्रभावित करता है, जिससे दिल पर दबाव बढ़ता है। रक्त प्रवाह धीमा होने के कारण, दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। एशियन हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुब्रत अखौरी से जानें कि सर्दियों में हार्ट अटैक के जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है।
सर्दियों में रक्त वाहिकाओं का संकुचन
डॉक्टर के अनुसार, ठंड के मौसम में शरीर अपनी प्राकृतिक गर्मी बनाए रखने के लिए रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है, जिसे मेडिकल भाषा में Vasoconstriction कहा जाता है। जब रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं, तो रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे दिल पर रक्त पंप करने का दबाव बढ़ जाता है। यदि किसी व्यक्ति की धमनियों में पहले से ही रुकावट है, तो संकुचन के कारण रक्त प्रवाह में और भी कठिनाई होती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड प्रेशर की नियमित जांच
सर्दियों में रक्त वाहिकाओं के संकुचन से रक्त दबाव प्रभावित होता है। इसलिए, इस मौसम में समय-समय पर रक्त दबाव की जांच कराना आवश्यक है। इससे संभावित खतरों से बचा जा सकता है। सुबह के समय रक्त दबाव अचानक बढ़ सकता है क्योंकि रक्त गाढ़ा हो जाता है। इसलिए, नियमित रूप से बीपी की जांच कराना महत्वपूर्ण है।
सुबह के समय सावधानी बरतें
सुबह-सुबह ठंडे पानी से स्नान नहीं करना चाहिए, न ही अचानक भारी व्यायाम करना चाहिए। बिना गर्म कपड़ों के घर से बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। विशेष रूप से उच्च रक्त दबाव के मरीजों को सर्दियों में सुबह के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
