शराब का सेवन और कैंसर का खतरा: जानें क्या कहती है रिसर्च

शराब और कैंसर का संबंध

शराब का सेवन, चाहे वह हल्का हो या मध्यम, कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यूरोप में कैंसर के प्रमुख कारणों में अल्कोहल शामिल है। उदाहरण के लिए, प्रति सप्ताह 1.5 लीटर वाइन, 3.5 लीटर बीयर या 450 मिलीलीटर स्पिरिट का सेवन भी खतरनाक हो सकता है।
WHO ने द लांसेट पब्लिक हेल्थ में बताया है कि शराब पीने की कोई सुरक्षित मात्रा नहीं है। इसे इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने ग्रुप 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया है। शराब का सेवन आंत और स्तन कैंसर सहित कई प्रकार के कैंसर से जुड़ा हुआ है, क्योंकि इथेनॉल शरीर में कैंसरकारक विषाक्त पदार्थों का निर्माण करता है। विशेष रूप से, महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, और यूरोपीय संघ के देशों में इसके मामले सबसे अधिक देखे गए हैं।
स्वास्थ्य के लिए शराब एक गंभीर खतरा है, और इसके सेवन को सीमित करने की आवश्यकता है।
शराब के सेवन की सीमाएं
Healthdirect.gov.au के अनुसार, वयस्कों को एक सप्ताह में 10 से अधिक पेय और एक दिन में चार से अधिक ड्रिंक नहीं लेने की सलाह दी जाती है। एक मानक पेय में 330 मिली बीयर, 30 मिली हार्ड अल्कोहल (जैसे व्हिस्की, जिन) और 150 मिली वाइन शामिल है।
अल्कोहल और स्वास्थ्य पर प्रभाव
WHO के नए बयान के अनुसार, शराब के कार्सिनोजेनिक प्रभावों की कोई सुरक्षित सीमा नहीं है। इसके अलावा, कोई अध्ययन यह नहीं दर्शाता कि कम या मध्यम मात्रा में शराब का सेवन हृदय रोगों में लाभकारी है।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रोफेसर डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी का कहना है कि व्यक्ति को यह निर्णय लेना चाहिए कि क्या वह स्वस्थ आहार के साथ थोड़ी मात्रा में शराब का सेवन कर सकता है। हालांकि, उन्हें इसके स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
शराब का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है, जैसे कैंसर, हृदय रोग, लिवर रोग, और मानसिक स्वास्थ्य विकार।
भारत में शराब का सेवन
डॉ. रेड्डी के अनुसार, भारत में शराब के प्रभाव कई कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि पिए जाने वाले पदार्थ का प्रकार और मात्रा। हालांकि, शोध से पता चला है कि शराब हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं है।
भारत ने नैशनल एनसीडी योजना के तहत शराब की खपत में 2025 तक 10 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य रखा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी ने शराब नहीं पी है, तो उसे इसे शुरू करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।