लकवा (पैरालिसिस) के कारण और उपचार: जानें कैसे करें बचाव

लकवा: एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या
लकवा, जिसे पैरालिसिस भी कहा जाता है, तब होता है जब किसी अंग की मांसपेशियां पूरी तरह से काम करना बंद कर देती हैं। यह स्थिति गंभीर हो सकती है, लेकिन अगर मरीज हिम्मत न हारें, तो इसका इलाज संभव है। लकवा का अटैक कभी भी हो सकता है, खासकर जब उस अंग की संवेदनशीलता कम हो जाती है। सही समय पर उपचार न मिलने पर रोगी को अपाहिज जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
लकवा के प्रमुख कारण
किसी अंग का दबना
यदि शरीर का कोई अंग लंबे समय तक दबा रहता है, तो यह लकवा का कारण बन सकता है। ऐसा होने पर रक्त का प्रवाह बाधित होता है, जिससे मस्तिष्क उस हिस्से पर रक्त संचार रोक देता है।
अम्लीय पदार्थ का सेवन
अम्लीय खाद्य पदार्थों के सेवन से रक्त में अम्ल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे धमनियों में अवरोध उत्पन्न होता है और लकवा हो सकता है।
तनाव का प्रभाव
अधिक तनाव में रहने से मस्तिष्क में खून जम सकता है, जिससे पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है।
लकवा के उपचार के उपाय
लकवा के दौरान तुरंत एक चम्मच शहद में दो लहसुन मिलाकर देना फायदेमंद हो सकता है।
लकवे वाली जगह पर कलौंजी के तेल से मालिश करें।
लकवा की पहचान
लकवा की पहचान के लिए ध्यान दें कि क्या किसी का मुंह, आंख, हाथ या पैर टेढ़ा हो गया है या शरीर का कोई हिस्सा काम करना बंद कर दिया है।
लकवा का प्रभावी इलाज
यदि कोई व्यक्ति लकवा से पीड़ित है, तो उसे व्रहतवातचिंतामणि रस का सेवन करना चाहिए। दायीं तरफ लकवाग्रस्त होने पर एक गोली सुबह और एक शाम को शुद्ध शहद के साथ लें।
बायीं तरफ लकवाग्रस्त होने पर वीर-योगेन्द्र रस का सेवन करें।
इन दवाओं का सेवन निरंतर करें जब तक कि रोगी पूरी तरह से स्वस्थ न हो जाए।
स्वास्थ्य का महत्व
स्वास्थ्य ही जीवन की खुशियों का आधार है। स्वस्थ रहने के लिए सकारात्मक सोच और तनावमुक्त रहना आवश्यक है।