रीठा: बवासीर और अन्य रोगों के लिए एक प्रभावी औषधि
रीठा, जिसे Soap Nut भी कहा जाता है, एक प्राकृतिक औषधि है जो बवासीर, कब्ज और अन्य कई रोगों के उपचार में सहायक है। इस लेख में हम रीठा के औषधीय गुणों, इसे बनाने की विधि, सेवन के तरीके और इसके अद्भुत फायदों के बारे में विस्तार से जानेंगे। जानें कैसे यह साधारण फल आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
| Nov 2, 2025, 09:14 IST
रीठा के औषधीय गुण
- यह नुस्खा एक महात्मा से प्राप्त हुआ है, और इसका प्रयोग करने वाले 100 में से 90 मरीजों को लाभ मिला है, जिससे इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत है।
औषधि बनाने की विधि
विधि:
- रीठा के फल से बीज निकालकर, शेष भाग को लोहे की कढ़ाई में डालें और तब तक गर्म करें जब तक वह कोयला न बन जाए। फिर इसे आंच से उतारकर समान मात्रा में पपडिया कत्था मिलाकर छान लें। आपकी औषधि तैयार है।
औषधि का सेवन कैसे करें
सेवन विधि:
- इस औषधि की एक रत्ती (125 मिलीग्राम) को मक्खन या मलाई के साथ सुबह-शाम सेवन करें। यह प्रक्रिया सात दिनों तक जारी रखें।
- सात दिनों के सेवन से कब्ज, बवासीर की खुजली और खून बहने की समस्या में राहत मिलती है।
- यदि रोगी स्थायी राहत चाहता है, तो हर छह महीने में यह कोर्स दोहराना चाहिए।
रीठा के अन्य नाम
अन्य नाम:
- संस्कृत - अरिष्ट, रक्तबीज, मागल्य
- हिन्दी - रीठा, अरीठा
- गुजराती - अरीठा
- मराठी - रीठा
- मारवाड़ी - अरीठो
- पंजाबी - रेठा
- कर्नाटक - कुकुटेकायि
सेवन के दौरान परहेज़
परहेज़:
- सेवन के दौरान नमक का सेवन न करें। आयुर्वेद में पथ्य का विशेष ध्यान रखा जाता है।
सेवन के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं
क्या खाएं:
- मुंग या चने की दाल, कुल्थी की दाल, पुराने चावल, बथुआ, करेला, कच्चा पपीता, गुड़, दूध, घी, मक्खन, काला नमक, सरसों का तेल आदि।
क्या न खाएं:
- उड़द, धी, सेम, भारी पदार्थ, धूप, साइकिल चलाना, सहवास आदि।
रीठा के अद्भुत फायदे
फायदे:
- बवासीर में राहत के लिए रीठा के छिलके को दूध में मिलाकर गोलियां बनाएं।
- जुकाम और नजला में लाभ के लिए रीठा के छिलके का चूर्ण सूंघें।
- गठिया के दर्द में रीठा का लेप करें।
- बालों की समस्याओं के लिए रीठा का उपयोग करें।
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