यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए अदरक और दलिया का उपयोग

बढ़ती उम्र के साथ यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है, जिससे जोड़ों में दर्द और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। डॉ. मनीष जैन के अनुसार, अदरक और दलिया का सेवन इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। ओट्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जबकि अदरक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है। जानें कैसे ये घरेलू उपाय आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
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यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए अदरक और दलिया का उपयोग

यूरिक एसिड और उसके प्रभाव

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए अदरक और दलिया का उपयोग


जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने लगता है। जोड़ों में दर्द, चलने में कठिनाई और उंगलियों में अकड़न जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।


जब शरीर में जोड़ों में दर्द या इसी तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं, तो यह संकेत है कि यूरिक एसिड का स्तर बढ़ गया है। यह एसिड प्यूरीन नामक तत्व के टूटने से बनता है, जो सामान्यतः पेशाब के माध्यम से बाहर निकलता है। डॉ. मनीष जैन, जो तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में रेजिडेंट डॉक्टर हैं, ने बताया कि यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।


यूरिक एसिड के बढ़ने के कारण

डॉ. मनीष जैन के अनुसार, हमारे खाने में प्यूरीन होता है, जो सामान्यतः पेशाब के जरिए बाहर निकलता है। लेकिन जब यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है, तो यह जोड़ों में दर्द और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, यूरिक एसिड को नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है। जब शरीर इसे सही से बाहर नहीं निकाल पाता, तो यह खून और जोड़ों में जमा होने लगता है, जिससे गठिया, गाउट, सूजन और दर्द जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।


अदरक और दलिया का उपाय

दलिया और अदरक का मिश्रण


यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए दलिया और अदरक का उपाय बहुत फायदेमंद हो सकता है। ओट्स में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करते हैं। अदरक शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है। दोनों में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है, जो यूरिक एसिड के उत्पादन को सीमित करती है। यह मिश्रण पाचन को बेहतर बनाता है और शरीर को साफ रखता है।


जोड़ों के दर्द में राहत

प्राकृतिक दर्द निवारक गुण


जब यूरिक एसिड बढ़ता है, तो जोड़ों में क्रिस्टल जमा हो जाते हैं, जिससे दर्द और अकड़न होती है। ओटमील और अदरक में प्राकृतिक दर्द निवारक गुण होते हैं। इनके सेवन से जोड़ों में सूजन कम होती है और चलने-फिरने में आसानी होती है। यह उपाय विशेष रूप से घुटने या कमर के दर्द के लिए लाभकारी है।


लिवर और किडनी के लिए लाभ

किडनी के कार्य में सुधार


यूरिक एसिड मूत्र के माध्यम से बाहर निकलता है, लेकिन यदि किडनी ठीक से कार्य नहीं कर रही है, तो यह एसिड जमा होता रहता है। अदरक और ओट्स दोनों लिवर और किडनी के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी होती है।


पाचन तंत्र में सुधार

पाचन में सुधार


यूरिक एसिड का बढ़ना और जोड़ों में दर्द होना अक्सर खराब पाचन के कारण होता है। हल्दी और अदरक दोनों ही पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। ये खाने को आसानी से पचाने, गैस, अपच और एसिडिटी को कम करने में मदद करते हैं।