महिलाओं में PCOD: स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ता खतरा और योग के लाभ

PCOD: एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या
रायपुर: आजकल की तेज़-तर्रार जीवनशैली और अस्वस्थ आदतों के कारण महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण समस्या है पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर, जिसे PCOD के नाम से जाना जाता है। यह एक हार्मोनल विकार है, जिसमें महिलाओं के अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं। यह न केवल अनियमित मासिक धर्म का कारण बनता है, बल्कि वजन बढ़ने, चेहरे पर अनचाहे बाल, त्वचा की समस्याएं और गर्भधारण में कठिनाइयों का भी कारण बन सकता है।
PCOD के कारण और समाधान
PCOD के मुख्य कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, PCOD का मुख्य कारण अस्वस्थ जीवनशैली, असंतुलित आहार, अत्यधिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी है। इसके अलावा, अनुवांशिक कारक और हार्मोनल असंतुलन भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। रायपुर की योग शिक्षिका ज्योति साहू ने बताया कि योग और ध्यान महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में अत्यंत सहायक हो सकते हैं। योग न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि शरीर को फिट और मेटाबॉलिज्म को सक्रिय भी रखता है।
PCOD से प्रभावित महिलाएं
80 प्रतिशत महिलाओं में PCOD
ज्योति साहू ने बताया कि वर्तमान में 80 प्रतिशत महिलाएं PCOD की समस्या से ग्रस्त हैं। किशोरावस्था में लड़कियां इस समस्या का अधिक शिकार हो रही हैं। 18 से 45 वर्ष की आयु की महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें PCOD को ठीक करने के लिए कुछ विशेष योगाभ्यास करने की सलाह दी जाती है।
योगासन जो मदद कर सकते हैं
ये आसन हैं मददगार
महिलाओं को ओवरी दबाने वाले आसनों का अभ्यास करना चाहिए। इससे PCOD और PCOS की समस्या से राहत मिल सकती है। इसके अलावा, चक्की चालन आसन, नौकासन और वक्रासन जैसे योगाभ्यास भी फायदेमंद हैं। योग के साथ-साथ सही खान-पान और दिनचर्या का पालन करना भी आवश्यक है, क्योंकि वजन बढ़ने में दिनचर्या की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।