बार-बार बुखार आने के पीछे छिपी बीमारियों की पहचान

बार-बार बुखार आना एक सामान्य समस्या लग सकती है, लेकिन यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू, टीबी, और अन्य संक्रमणों से जुड़ा हो सकता है। यदि आपको बार-बार बुखार हो रहा है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप डॉक्टर से सलाह लें। इस लेख में, हम उन बीमारियों के बारे में चर्चा करेंगे जो बार-बार बुखार का कारण बन सकती हैं और कब आपको चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
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बुखार और स्वास्थ्य

बुखार आना सामान्य प्रतीत हो सकता है, लेकिन यदि यह बार-बार हो रहा है, तो यह एक गंभीर संकेत हो सकता है। लगातार बुखार कई क्रॉनिक और छिपी हुई बीमारियों का संकेत दे सकता है। इसलिए, यदि आपको बार-बार बुखार होता है, तो यह समय है कि आप अपने स्वास्थ्य की जांच करवाएं। इसे हल्के में लेना उचित नहीं है। किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना बेहतर होगा ताकि सही कारणों का पता चल सके और उचित उपचार शुरू किया जा सके.


बार-बार बुखार आने की संभावित बीमारियां

दिल्ली के राजीव गांधी अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन के अनुसार, बार-बार बुखार आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, टाइफाइड, जो सैल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है, दूषित पानी या भोजन से फैलता है। यह बैक्टीरिया शरीर के किसी हिस्से में छिपा रह सकता है और समय-समय पर बुखार का कारण बन सकता है.


मलेरिया: यह एक पैरासाइट से होने वाला संक्रमण है, जो संक्रमित एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह खून में लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है, जिससे तेज बुखार, ठंड लगना और पसीना आना जैसी प्रतिक्रियाएं होती हैं.


डेंगू: डेंगू बुखार तेज होता है और कुछ दिनों के बाद फिर से लौट सकता है। इसे 'सॉ डेंट फीवर' भी कहा जाता है, क्योंकि इसका पैटर्न ऊपर-नीचे होता है.


टीबी: फेफड़ों की टीबी में बुखार अक्सर शाम को हल्का-हल्का बढ़ता है, जिसे low-grade fever कहा जाता है.


वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन: नाक, गले या आंतों में पुराना संक्रमण भी बार-बार बुखार का कारण बन सकता है.


ऑटोइम्यून डिज़ीज: लूपस और रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियां भी बुखार का कारण बन सकती हैं.


कैंसर: ल्यूकेमिया में सफेद रक्त कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं, जिससे बुखार और अन्य लक्षण उत्पन्न होते हैं.


कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि बुखार हर 4-5 दिन में लौटता है, वजन कम हो रहा है, या बहुत थकान महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


अगर बुखार एंटीबायोटिक या घरेलू उपायों से ठीक नहीं हो रहा है, या बुखार के साथ पेट दर्द, खांसी, या त्वचा पर चकत्ते दिखाई दे रहे हैं, तो यह भी डॉक्टर से मिलने का संकेत है.