बवासीर के प्रकार और घरेलू उपचार: जानें कैसे करें राहत
बवासीर, जिसे अर्श भी कहा जाता है, एक सामान्य गुदा मार्ग की समस्या है, जो कब्ज के कारण होती है। यह दो प्रकारों में विभाजित होती है: खूनी और वादी बवासीर। इस लेख में, हम बवासीर के विभिन्न प्रकार, इसके कारण, लक्षण और प्रभावी घरेलू उपायों के बारे में चर्चा करेंगे। जानें कैसे आप इन उपायों के माध्यम से इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
Aug 25, 2025, 19:31 IST
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बवासीर: एक सामान्य समस्या

बवासीर, जिसे अर्श भी कहा जाता है, गुदा मार्ग की एक सामान्य बीमारी है। इसका मुख्य कारण कब्ज होता है, जो अधिक मिर्च-मसाले और बाहरी भोजन के सेवन से उत्पन्न होता है। यह स्थिति मल को कठोर बना देती है, जिससे मल त्याग के समय अधिक जोर लगाना पड़ता है और सूजन या मस्से बन सकते हैं।
बवासीर के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
बवासीर के प्रकार
- खूनी बवासीर: मल के साथ खून आता है।
- वादी बवासीर: मलद्वार पर सूजन होती है, लेकिन खून नहीं आता।
इसके अलावा, बवासीर को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- पित्तार्श: नीले, पीले या काले रंग के मस्से।
- कफार्श: गहरे मस्से जिनमें दर्द और खुजली होती है।
- वातार्श: ठंडे और चिपचिपे मस्से।
- सन्निपात: वातार्श, पित्तार्श और कफार्श के लक्षण।
- संसर्गर्श: बाहरी कारणों से उत्पन्न।
- रक्तार्श: लाल मस्से और गाढ़ा खून।
बवासीर के कारण
- खराब पाचन: अधिक तैलीय भोजन से पाचन तंत्र कमजोर होता है।
- कब्ज: सूखे मल से गुदा मार्ग में घाव बनते हैं।
- देर से उपचार: लापरवाह आहार और जीवनशैली से रोग बढ़ सकता है।
बवासीर के लक्षण
- गुदा मार्ग के बाहर मस्सों का निकलना।
- शौच के दौरान खून आना।
- चलने में परेशानी।
- चक्कर आना और आंखों के सामने अंधेरा छाना।
- स्मरण शक्ति में कमी।
बवासीर के घरेलू उपाय
- हारसिंगार:
- हारसिंगार के फूलों को रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करें।
- हारसिंगार के बीज और काली मिर्च मिलाकर गोलियां बनाकर खाएं।
- कपूर:
- कपूर, रसोत, चाकसू और नीम के फूलों का पाउडर बनाएं। इसे मूली में भरकर भूनें और मटर के बराबर गोलियां बनाकर खाली पेट सेवन करें।
- वनगोभी:
- वनगोभी के रस को दिन में 3-4 बार मस्सों पर लगाएं।
- मूली:
- मूली के रस में जलेबी मिलाकर एक घंटे बाद सेवन करें।
- रीठा:
- रीठा के छिलके को जलाकर उसकी भस्म को शहद के साथ चाटें।