बवासीर के घरेलू उपचार: सरल और प्रभावी उपाय

बवासीर एक आम समस्या है जो कई लोगों को प्रभावित करती है। यह गंभीर नहीं है, लेकिन असहजता का कारण बन सकती है। इस लेख में, हम बवासीर के घरेलू उपचारों पर चर्चा करेंगे, जैसे मूली, लौकी, तिल, और पपीता, जो सरल और प्रभावी हैं। जानें कैसे इन उपायों से बवासीर का इलाज किया जा सकता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
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बवासीर के घरेलू उपचार: सरल और प्रभावी उपाय

बवासीर: एक सामान्य लेकिन कष्टदायक समस्या

बवासीर के घरेलू उपचार: सरल और प्रभावी उपाय


आजकल बवासीर की समस्या कई लोगों को प्रभावित कर रही है। यह बीमारी गंभीर नहीं होती, लेकिन यह काफी असहजता पैदा कर सकती है। जब किसी को बवासीर होता है, तो वह अक्सर चिंता में डूब जाता है, जिससे उनकी सेहत और बिगड़ सकती है। इस स्थिति में, सही उपचार न मिलने के कारण समस्या बढ़ सकती है। आयुर्वेद ने इस बीमारी को दूर करने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय सुझाए हैं, जो हर किसी के लिए सस्ते और सरल हैं।


बवासीर के लिए प्रभावी घरेलू उपचार

मूली का उपयोग: बवासीर के इलाज में मूली बेहद फायदेमंद होती है। यदि रोगी का खून गिरता है, तो कच्ची मूली में नींबू का रस, काला नमक और काली मिर्च मिलाकर 10 दिन तक सेवन करने से लाभ होता है। जल्दी परिणाम के लिए, एक कप मूली का रस और दो चम्मच देसी घी मिलाकर सुबह खाली पेट पीने से 10 दिन में बवासीर ठीक हो सकता है।


लौकी से उपचार: लौकी के पत्तों को पीसकर मलहम जैसा बना लें और इसे प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे बवासीर की समस्या समाप्त हो जाती है।


तिल का सेवन: 50 ग्राम काले तिल को सुबह और शाम दही के साथ खाने से बवासीर में सुधार होता है। इसे लगातार दो सप्ताह तक करने से लाभ मिलता है।


चना का उपयोग: भुने हुए चने का सेवन दिन में तीन बार करने से बवासीर ठीक होता है, खासकर खूनी बवासीर में।


ईसबगोल का सेवन: ईसबगोल की भूसी को गर्म दूध में मिलाकर पीने से बवासीर का इलाज संभव है। इसे दिन में दो से तीन बार लेना चाहिए।


पपीते का लाभ: 250 ग्राम पपीते को छीलकर उसमें काली मिर्च, काला नमक और नींबू का रस मिलाकर खाने से बवासीर में राहत मिलती है।


सावधानियाँ

बवासीर के रोगियों को ठंडे पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए और गर्म चीजों से बचना चाहिए।