प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी समस्याओं के संकेत और उपचार

प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी समस्याओं के संकेत
धनबाद में पेशाब के दौरान जलन, यूरिन के समय कम प्रेशर आना और ब्लाडर में संक्रमण जैसे लक्षण प्रोस्टेट ग्लैंड की समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना आवश्यक है।
बीमारी को बढ़ने से रोकें
प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए रोजाना दो से तीन लीटर पानी पीना चाहिए और नींबू का सेवन करना फायदेमंद है। नारियल पानी का नियमित सेवन भी पेशाब से जुड़ी समस्याओं को कम कर सकता है। यह जानकारी यूरोलॉजिस्ट डॉ. गौरव प्रकाश ने दी। उन्होंने बताया कि आमतौर पर 50 वर्ष की उम्र के बाद प्रोस्टेट की समस्याएं बढ़ती हैं, लेकिन आजकल गलत खान-पान के कारण युवा भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
यूरिन समस्याओं के बारे में पूछे गए सवाल
डॉ. गौरव प्रकाश ने बताया कि कामकाजी महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन के मामले अधिक देखे जाते हैं, जिसका मुख्य कारण शौचालयों की सफाई का अभाव है। इसके अलावा, पानी कम पीने से भी यह समस्या बढ़ती है।
प्रोस्टेट ग्लैंड की समस्या का समाधान
सिजुआ कतरास से एक व्यक्ति ने पूछा कि वह छह महीने से प्रोस्टेट की दवा ले रहा है, क्या उसे आगे भी लेना चाहिए। चिकित्सक ने बताया कि यदि दवा लेने से कोई समस्या नहीं है, तो इसे जारी रखना चाहिए। अल्ट्रासाउंड कराकर प्रोस्टेट की स्थिति का पता लगाना भी जरूरी है।
फैटी लीवर की समस्या पर सलाह
धर्मेंद्र राणा ने पूछा कि उन्हें पहले से फैटी लीवर की समस्या है और किडनी में चुभन महसूस हो रही है। चिकित्सक ने सलाह दी कि गैस्ट्रोलॉजिस्ट से परामर्श लें और अल्ट्रासाउंड कराएं।
पेशाब की समस्या से निपटने के उपाय
शंकर चौरसिया ने बताया कि उन्हें हर आधे घंटे में पेशाब आता है, खासकर रात में। चिकित्सक ने सुझाव दिया कि रात का खाना जल्दी करें और रात में तरल पदार्थों का सेवन कम करें।
यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें
हेमंत वर्मा ने बताया कि उन्हें पेशाब का फ्लो कम हो रहा है। चिकित्सक ने यूरोफ्लोमेट्री और पीवीसी टेस्ट कराने की सलाह दी।
पेशाब पर नियंत्रण न होना
राजेंद्र प्रसाद तुलस्यान ने बताया कि पानी पीने के कुछ समय बाद उन्हें पेशाब लग जाता है और नियंत्रण नहीं रहता। चिकित्सक ने बताया कि यह प्रोस्टेट के बढ़ने का संकेत हो सकता है और अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी।