पेशाब में प्रोटीन: जानें इसके संकेत और उपाय

पेशाब में प्रोटीन का आना एक गंभीर स्वास्थ्य संकेत हो सकता है, जो किडनी की समस्याओं का संकेत देता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे पहचानें कि आपके यूरिन में प्रोटीन है, इसके संभावित कारण क्या हैं, और इस स्थिति से निपटने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। विशेषज्ञ डॉ. सुधा रानी वर्मा के सुझावों के साथ, आप जानेंगे कि कैसे प्राकृतिक तरीकों से किडनी की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है।
 | 
पेशाब में प्रोटीन: जानें इसके संकेत और उपाय

पेशाब में प्रोटीन का महत्व

पेशाब में प्रोटीन: जानें इसके संकेत और उपाय


पेशाब हमारे शरीर का अपशिष्ट उत्पाद है, लेकिन यह स्वास्थ्य संबंधी कई महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान करता है। जब शरीर में कोई समस्या होती है, तो पेशाब में उसके लक्षण प्रकट होने लगते हैं।


पेशाब में प्रोटीन का आना एक गंभीर संकेत हो सकता है, जो किडनी की प्रारंभिक समस्याओं का संकेत देता है। किडनियाँ रक्त को साफ करने का कार्य करती हैं, और जब ये ठीक से काम नहीं करतीं, तो आवश्यक पोषक तत्व जैसे प्रोटीन पेशाब के माध्यम से बाहर निकलने लगते हैं.


यूरिन में प्रोटीन की पहचान कैसे करें?

नेचुरोपैथ और योग विशेषज्ञ डॉ. सुधा रानी वर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर इस विषय पर एक वीडियो साझा किया है। उन्होंने बताया कि, 'यदि आपके पेशाब में अधिक झाग दिखाई दे रहा है या उसका रंग दूध जैसा हो रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके यूरिन में प्रोटीन लीक हो रहा है। इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।'


यूरिन में प्रोटीन आने के कारण

डॉक्टर के अनुसार, यूरिन में प्रोटीन आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:



  • उच्च रक्तचाप

  • शुगर का बढ़ा हुआ स्तर

  • अधिक तनाव और नींद की कमी

  • किडनी में सूजन


यदि इस समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो यह किडनी फेलियर का कारण बन सकता है.


क्या करें?

डॉ. वर्मा ने सुझाव दिया है कि यदि आपको पेशाब में प्रोटीन की समस्या है, तो कुछ प्राकृतिक उपाय अपनाए जा सकते हैं।


कटी स्नान करें: यह एक विशेष नेचुरोपैथिक विधि है जिसमें दो टब होते हैं, एक गर्म और दूसरा ठंडा। इसमें नाभि तक पानी भरकर 3 मिनट गर्म पानी में और 1 मिनट ठंडे पानी में बैठना होता है। यह प्रक्रिया चार बार करनी होती है।


इससे रक्त संचार में सुधार होता है, सूजन कम होती है और किडनी की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।


ध्यान रखने योग्य बातें


  • इस विधि को अपनाने से पहले सुनिश्चित करें कि आपका पेट खाली हो या खाना खाए 2-3 घंटे हो गए हों।

  • इस प्रक्रिया के दौरान सिर पर ठंडी पट्टी रखें।

  • पानी का तापमान शरीर के अनुकूल होना चाहिए।


डॉ. वर्मा के अनुसार, यदि यह उपचार नियमित रूप से किया जाए, तो किडनी से जुड़ी समस्याएं दवाइयों के बिना भी धीरे-धीरे ठीक हो सकती हैं।