पेपर कप के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें क्यों हैं ये हानिकारक

पेपर कप के हानिकारक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि पेपर कप बनाने में कई प्रकार के रासायनिक पदार्थ और प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकते हैं।
सर्दियों में चाय और कॉफी का सेवन बढ़ जाता है, और लोग डिस्पोज़ेबल कप का उपयोग करने लगे हैं। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि ये कप स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं हैं। नई दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल के वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. अमित उपाध्याय ने बताया कि पेपर कप में उपयोग होने वाले रसायन और प्लास्टिक हमारे स्वास्थ्य के लिए कितने खतरनाक हो सकते हैं।
पेपर कप का स्वास्थ्य पर प्रभाव
चाय या कॉफी के लिए कागज के कप का उपयोग करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि ये कप तरल पदार्थ को रोकने के लिए अल्ट्रा थिन प्लास्टिक से कोटेड होते हैं, जिसे माइक्रोप्लास्टिक्स कहा जाता है। जब गर्म पेय इन कपों में डाला जाता है, तो ये सूक्ष्म कण निकलने लगते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा
आईआईटी खड़गपुर द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एक पेपर कप में 15 मिनट तक गर्म पेय रखने पर लगभग 20,000 से 25,000 माइक्रोप्लास्टिक के कण हो सकते हैं। ये कण शरीर में जाकर हार्मोनल असंतुलन और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प
इसलिए, अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए कागज के कपों का उपयोग कम से कम करें। इसके बजाय, मिट्टी या स्टेनलेस स्टील के कप का उपयोग करें। यदि आप बाहर चाय या कॉफी पी रहे हैं, तो मिट्टी का कुल्हड़ एक बेहतरीन विकल्प है। इसके अलावा, पुन: उपयोग किए जाने वाले कप अपने साथ रखना भी एक अच्छा विचार है, जो न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।