पीरियड्स क्रैंप्स: दर्द से राहत पाने के प्राकृतिक उपाय

पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अक्सर पेट और कमर में दर्द का सामना करना पड़ता है। यह दर्द आमतौर पर पहले तीन दिनों में अधिक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्राकृतिक उपायों और खानपान में बदलाव करके इस दर्द से राहत पाई जा सकती है। जानें कैसे पानी से भरपूर फलों, डार्क चॉकलेट और हरी सब्जियों का सेवन करके आप पीरियड्स क्रैंप्स से छुटकारा पा सकते हैं।
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पीरियड्स क्रैंप्स: दर्द से राहत पाने के प्राकृतिक उपाय

पीरियड्स से जुड़ी जानकारी

पीरियड्स से जुड़ी जानकारियांImage Credit source: Pixabay

कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान पेट और कमर में दर्द का अनुभव करती हैं, जो आमतौर पर पहले तीन दिनों में अधिक होता है। कई बार यह दर्द इतना तीव्र हो जाता है कि सहन करना मुश्किल हो जाता है। एक मेडिकल जर्नल के अनुसार, लगभग 50% महिलाएं इस समय अत्यधिक दर्द का सामना करती हैं। दर्द से राहत पाने के लिए महिलाएं पेनकिलर का सहारा लेती हैं, लेकिन कुछ प्राकृतिक उपाय भी हैं जिनसे बिना दवा के राहत मिल सकती है। इस विषय पर विशेषज्ञों ने जानकारी साझा की है।


पीरियड्स क्रैंप्स का कारण

क्यों होते हैं पीरियड्स क्रैंप्स

पीरियड्स के दौरान यूट्रस की मांसपेशियों में संकुचन होता है, जिससे दर्द उत्पन्न होता है। यह दर्द आमतौर पर पीरियड्स की शुरुआत के पहले या दूसरे दिन अधिक होता है। प्रोस्टाग्लैंडीन हार्मोन से निकलने वाला एक रासायनिक तत्व भी इस दर्द का कारण बनता है। कुछ महिलाओं को पीरियड्स क्रैंप्स का दर्द बहुत तेज और कई दिनों तक बना रह सकता है। हालांकि, दवाओं के बिना भी खानपान में बदलाव करके इस दर्द से राहत पाई जा सकती है।


दर्द से राहत के उपाय

पीरियड्स क्रैंप्स से कैसे पाएं छुटकारा

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, पीरियड्स क्रैंप्स से राहत पाने के लिए पानी से भरपूर फलों का सेवन करना चाहिए, जैसे तरबूज और खीरा। डार्क चॉकलेट भी इस दर्द को कम करने में सहायक हो सकती है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स भी क्रैंप्स से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।


दवाओं का सेवन सावधानी से करें

खुद से न लें दवाएं

हरी और ताज़ी पत्तेदार सब्जियों में कई पोषक तत्व होते हैं। अपनी डाइट में ब्रोकली, पत्तागोभी और पालक शामिल करें। मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीकें भी मददगार हो सकती हैं। यदि इन उपायों से राहत नहीं मिलती है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें। अपनी मर्जी से किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करने से बचें।