पिप्पली: कैंसर के उपचार में सहायक भारतीय मसाला

पिप्पली, एक महत्वपूर्ण भारतीय मसाला, कैंसर के उपचार में सहायक हो सकता है। हाल के शोध में इसके कैंसररोधी गुणों की पुष्टि हुई है, जिससे यह विभिन्न प्रकार के कैंसर के खिलाफ प्रभावी साबित हो रहा है। इसके अलावा, आयुर्वेद में पिप्पली के कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जैसे मोटापा कम करना, थायरॉइड की बीमारी में सुधार, और हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देना। जानें पिप्पली के बारे में और इसके औषधीय गुणों के बारे में अधिक जानकारी इस लेख में।
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पिप्पली: कैंसर के उपचार में सहायक भारतीय मसाला

पिप्पली के कैंसररोधी गुण


भारतीय मसालों में से एक, पिप्पली, कैंसर के उपचार में सहायक साबित हो सकता है। एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया कि यह मसाला इस गंभीर बीमारी को नियंत्रित करने में प्रभावी है और इसका उपयोग कैंसर की दवाओं के निर्माण में किया जा सकता है।


कैंसररोधी रसायन की खोज

कैंसररोधी रसायन: अमेरिका के यूटी साउथ-वेस्टर्न मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों ने भारतीय पिप्पली में कैंसररोधी गुणों की पहचान की है। उनके शोध में यह स्पष्ट हुआ कि पिप्पली में एक ऐसा रसायन है जो शरीर में एक विशेष एंजाइम के उत्पादन को रोकता है, जो आमतौर पर ट्यूमर में पाया जाता है।


इस रसायन को पीपरलोंगुमाइन (पीएल) कहा जाता है। यह विभिन्न प्रकार के कैंसर, जैसे स्तन, प्रोस्टेट, फेफड़े, और बड़ी आंत के कैंसर को नियंत्रित करने में सहायक पाया गया है। इसके अलावा, यह ल्यूकेमिया और लिंफोमा जैसे रक्त कैंसर के उपचार में भी लाभकारी है।


जीन पर प्रभाव

जीन पर निशाना: पिप्पली का उपयोग सदियों से औषधीय मसाले के रूप में किया जाता रहा है, लेकिन इसके गुणों पर पश्चिमी देशों में अध्ययन सीमित रहे हैं। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि खाने के बाद पीएल कैसे बदलता है। उनके अनुसार, यह एचपीएल में परिवर्तित हो जाता है, जो एक सक्रिय दवा की तरह कार्य करता है। एचपीएल जीएसटीपी1 नामक जीन को निष्क्रिय कर देता है, जो ट्यूमरों में पाया जाने वाला एंजाइम है।


डॉक्टर केनिथ वेस्टओवर ने कहा कि इस अध्ययन से मिली जानकारी विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए प्रभावी दवा विकसित करने में सहायक हो सकती है। यह अध्ययन 'जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल कमेस्ट्री' में प्रकाशित हुआ है।


आयुर्वेद में पिप्पली के लाभ

आयुर्वेद में पिप्पली के फायदे



  1. पीपल, पीपलामूल, चित्रक, चव्य, सौंठ का काढ़ा पीने से थायरॉइड की बीमारी में सुधार होता है।

  2. पिप्पली का नियमित सेवन मोटापे को कम करने में मदद करता है।

  3. महिलाओं की माहवारी में कमी होने पर पिप्पली और पीपलामूल का काढ़ा पीने से दर्द कम होता है और माहवारी नियमित होती है।

  4. पिप्पली का पाउडर भूनकर नस्य लेने से सिरदर्द और जुकाम में राहत मिलती है।

  5. कफ वाली दवाओं में पिप्पली का उपयोग होता है। एक ग्राम पिप्पली का पाउडर दूध के साथ लेने से नींद में सुधार होता है।

  6. पिप्पली को घी के साथ मिलाकर काजल बनाने से रतौंधी के मरीजों को लाभ होता है।

  7. पिप्पली का पाउडर शहद के साथ चाटने से स्वरभंग में राहत मिलती है।

  8. हृदय रोग में पिप्पली और हरी इलायची का सेवन फायदेमंद होता है।

  9. बच्चों के दांत निकलने पर पिप्पली का सेवन सहायक होता है।

  10. नवप्रसूता माताएं पिप्पली का सेवन कर दूध बढ़ा सकती हैं।

  11. पेट दर्द में पिप्पली का पाउडर शहद के साथ चाटने से राहत मिलती है।

  12. लीवर की समस्याओं में पिप्पली और पीपलामूल का सेवन फायदेमंद होता है।