नाभि खिसकने के कारण और उपचार: जानें कैसे करें सही

नाभि का महत्व और खिसकने के प्रभाव

नाभि का स्थान मानव शरीर में केंद्रीय भूमिका निभाता है। इसे शरीर की बहत्तर हजार नाड़ियों से जोड़ा गया है। जब नाभि अपने स्थान से खिसक जाती है, तो यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। यह समस्याएँ सामान्य दवाओं से ठीक नहीं होतीं, बल्कि नाभि को पुनः सही स्थान पर लाना आवश्यक होता है। आधुनिक चिकित्सा इसे मान्यता नहीं देती, लेकिन कई लोग इस पद्धति से लाभान्वित हो रहे हैं।
नाभि खिसकने के लक्षण
नाभि के खिसकने से पेट में दर्द, कब्ज, दस्त और अपच जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि इसका उपचार नहीं किया गया, तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे मानसिक तनाव और डिप्रेशन।
नाभि खिसकने के कारण
आधुनिक जीवनशैली, जिसमें तनाव और भागदौड़ शामिल है, नाभि के खिसकने का एक प्रमुख कारण है। जब व्यक्ति चलते समय संतुलन नहीं बना पाता या अचानक झटका लगता है, तो नाभि अपनी जगह से खिसक सकती है।
नाभि खिसकने के सामान्य कारण:
- असावधानी से झुकना।
- संतुलन खोकर वजन उठाना।
- अचानक ऊँचाई पर पैर रखना।
- खेलते समय गलत तरीके से कूदना।
- सीढ़ियाँ चढ़ते या उतरते समय जल्दी करना।
- गर्भावस्था में पेट पर दबाव।
- तनाव।
नाभि खिसकने की पहचान
नाभि के खिसकने का पता लगाने के लिए कुछ सरल तरीके हैं। उदाहरण के लिए, सीधे खड़े होकर छोटी अंगुलियों की लंबाई की तुलना करें। यदि उनमें अंतर है, तो नाभि खिसकी हुई है।
नाभि की जांच करने की विधि:
- सीधे खड़े होकर छोटी अंगुलियों की लंबाई की तुलना करें।
- नाभि और छाती के केंद्र के बीच की दूरी मापें।
- सुबह खाली पेट पीठ के बल लेटकर नाभि पर हल्का दबाव डालें।
नाभि को सही करने के उपाय
यदि नाभि खिसकी हुई है, तो इसे सही करने के लिए कुछ सरल उपाय किए जा सकते हैं। जैसे कि योगासन करना, पेट की मालिश करना, और संतुलित आहार लेना।
उपाय:
- उत्तानपादासन करें।
- पेट पर सरसों का तेल लगाकर मालिश करें।
- गुड़ और सौंफ का सेवन करें।