दूध उबालने के लिए सही बर्तन: स्वास्थ्य के लिए जानें क्या करें और क्या न करें
दूध उबालने के लिए सही बर्तनों का चयन
जब खाना बनाने की बात आती है, तो हम सब्जियों और बर्तनों की सफाई पर ध्यान देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बर्तन की धातु भी आपकी सेहत पर प्रभाव डाल सकती है? दूध, जो हर घर में आमतौर पर उबाला जाता है, उसे गलत बर्तन में उबालने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि दूध को किस बर्तन में उबालना चाहिए।
तांबे का बर्तन: तांबे के बर्तन में पानी पीने के कई फायदे हैं, लेकिन दूध या दूध से बनी चीजों को इसमें पकाना या रखना सही नहीं है। तांबे में गर्म करने पर दूध में घुलकर इसे जहरीला बना सकता है।
पीतल का बर्तन: यदि पीतल के बर्तन में इनर लाइनिंग नहीं है, तो इसमें दूध पकाना खतरनाक है। चाहे दूध की चाय हो या खीर, पीतल में बने दूध के उत्पाद खराब हो जाते हैं।
एल्यूमिनियम के बर्तन: आमतौर पर एल्यूमिनियम के बर्तन में दूध उबालना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन लंबे समय तक पकाने से दूध में एल्यूमिनियम की मात्रा बढ़ सकती है, जो अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाती है।
स्टील की क्वालिटी: फूड ग्रेड स्टील की क्वालिटी न होने पर दूध पकाना सुरक्षित नहीं है। ऐसे बर्तनों में मौजूद धातु दूध को जहरीला बना सकती है।
कांच का बर्तन: कांच के बर्तनों में दूध पकाना सुरक्षित है क्योंकि ये नॉन-रिएक्टिव होते हैं और किसी भी धातु को दूध में नहीं छोड़ते। उच्च गुणवत्ता वाले फूड ग्रेड स्टेनलेस स्टील में दूध उबालना भी सुरक्षित है।
