दिल के ब्लॉकेज के लिए देसी उपाय: एक पिता का अनुभव

इस लेख में एक पिता के अनुभव को साझा किया गया है, जिन्होंने घरेलू उपायों के माध्यम से हार्ट ब्लॉकेज को ठीक किया। जानें कैसे अर्जुन की छाल और अन्य नुस्खों ने उनकी सेहत में सुधार किया। यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो दिल की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
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दिल के ब्लॉकेज के लिए देसी उपाय: एक पिता का अनुभव

एक अनुभव साझा करते हुए

दिल के ब्लॉकेज के लिए देसी उपाय: एक पिता का अनुभव


नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम मनोज है। मैं अपने पिता, सुरेश सिंह जी का अनुभव साझा करना चाहता हूँ, जिससे सभी को लाभ हो सके। हम पंजाब के निवासी हैं और मेरे पिता भारतीय सेना से रिटायर्ड हैं। उनकी उम्र 69 वर्ष है। दो साल पहले तक उन्हें छाती में दर्द और सांस लेने में कठिनाई होती थी। शुरुआत में हमने इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन एक दिन जब वे सुबह की सैर पर गए, तो उन्हें तेज दर्द और सांस लेने में बहुत दिक्कत हुई। उस दिन मैंने उन्हें खुद गाड़ी से अस्पताल ले जाया।


हमने दिल्ली के एक हार्ट स्पेशलिस्ट के पास जाकर टेस्ट करवाए। टी एम टी टेस्ट पॉजिटिव आया, कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बहुत बढ़ा हुआ था। इको कार्डियोग्राफी में उनकी हृदय की कार्यक्षमता 38% और ब्लॉकेज 90% पाया गया। डॉक्टर ने कहा कि उन्हें 90% हार्ट ब्लॉकेज है, सुनकर हम सब चौंक गए। हमने दूसरे अस्पताल (जिंदल हार्ट) में भी वही टेस्ट करवाए, वहां भी वही परिणाम मिले, लेकिन हृदय की कार्यक्षमता 42% थी। डॉक्टर ने तुरंत ऑपरेशन कराने की सलाह दी, लेकिन हमने बाईपास न कराने का निर्णय लिया।


घरेलू उपायों की खोज

हमने कुछ दवाइयाँ लीं, लेकिन डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए जोर दिया। इस बीच, मैंने अपने एक मित्र से बात की, जो अबोहर, पंजाब में रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में भी यह समस्या है और वे कुछ घरेलू नुस्खे आजमा रहे हैं। मैंने वही नुस्खे अपने पिता के लिए अपनाए। डॉक्टर की बताई दवाइयाँ लेते रहे, जिनमें मोनेट और एस्प्रिन शामिल थीं। आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों का उपयोग करने के बाद, आज उनकी हार्ट ब्लॉकेज पूरी तरह से समाप्त हो गई है। हाल ही में उन्हें हर्निया की समस्या हुई, तो ईको कार्डियोग्राफी में हृदय की कार्यक्षमता 62% और कोई ब्लॉकेज नहीं पाया गया।


अगर उन्होंने बाईपास या एंजियोप्लास्टी करवाई होती, तो वे आज भी एक मरीज की तरह जी रहे होते।


उपायों की सूची

1. अर्जुन की छाल: मैंने अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाना शुरू किया। सुबह और शाम खाली पेट 30-30 मिली काढ़ा गुनगुने पानी में मिलाकर पीता हूँ।


काढ़ा बनाने की विधि: 1 किलो अर्जुन की छाल को 5 किलो पानी में आधा रहने तक उबालें। इसे छानकर कांच की बोतल में रखें।


2. राजीव दीक्षित जी का नुस्खा: अदरक, नींबू, लहसुन और एप्पल साइडर सिरका का रस मिलाकर धीमी आंच पर गर्म करें। जब मिश्रण 3 कप रह जाए, तो ठंडा करके 3 कप शहद मिलाएं। रोज सुबह खाली पेट 3 चम्मच लें।


आजकल हार्ट के बाईपास या एंजियोप्लास्टी में लाखों रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में ये घरेलू उपाय बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। मैंने कई रिश्तेदारों को भी ये उपाय बताए हैं, जिनसे उन्हें लाभ हुआ है।