दिल के दौरे के पूर्व संकेत: जानें लक्षण और बचाव के उपाय

दिल के दौरे के शुरुआती लक्षण

हार्ट अटैक से बचाव की जानकारीImage Credit source: boonchai wedmakawand/Moment/Getty Images
दिल के दौरे के संकेत: हमारे चारों ओर कई प्रकार की बीमारियाँ होती हैं, लेकिन अक्सर हमें यह नहीं पता चलता कि हम किस बीमारी का सामना कर रहे हैं, जब तक कि उसके गंभीर लक्षण प्रकट नहीं होते। किसी भी बीमारी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है कि उसे होने ही न दें। कुछ लोग बीमारियों से लड़ने में कठिनाई महसूस करते हैं, जबकि कुछ बीमारियों के संकेत समय पर पहचानने से हम बच सकते हैं।
दिल हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका सही तरीके से काम करना जीवन के लिए आवश्यक है। क्या आप जानते हैं कि आपका शरीर दिल के दौरे से पहले कई संकेत देता है? यदि आप इन संकेतों को अनदेखा कर रहे हैं, तो आप खतरे में हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने से पहले शरीर कई संकेत देता है। हमें इन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए और इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
दिल्ली के राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन ने इन लक्षणों के बारे में जानकारी दी है। डॉ. अजीत के अनुसार, कुछ लोगों को छाती में दबाव महसूस होता है, जिसे एनजाइना कहा जाता है। इस दौरान घुटन और घबराहट भी महसूस हो सकती है। जब दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो छाती में दर्द हो सकता है। यदि यह दबाव लगातार बना रहता है, तो यह दिल के दौरे का संकेत हो सकता है।
ठंडे पसीने का आना: यदि आपको अचानक चक्कर आ रहे हैं या ठंडे पसीने आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कभी-कभी अच्छी डाइट के बावजूद कमजोरी महसूस होना भी दिल की समस्या का संकेत हो सकता है।
सांस लेने में कठिनाई: रक्त प्रवाह में कमी से फेफड़ों पर असर पड़ता है। यदि फेफड़ों में खून की कमी होती है, तो सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। सही तरीके से सांस न ले पाने से दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
थकावट और अनिद्रा: यदि अच्छी डाइट और व्यायाम के बावजूद आपको थकावट महसूस होती है, तो यह दिल में रक्त प्रवाह की कमी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, नींद की कमी भी दिल के दौरे का एक महत्वपूर्ण लक्षण है। यदि आपको नींद नहीं आ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
इन लक्षणों पर क्या करें:
- तुरंत डॉक्टर से मिलें - हार्ट स्पेशलिस्ट या कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श करें।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) और ब्लड टेस्ट जैसे कार्डियक मार्कर्स की जांच कराएं।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं - संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधि, तनाव प्रबंधन, और धूम्रपान से बचें।
- यदि आपके परिवार में दिल की बीमारी है, तो नियमित जांच कराएं।