डेंगू और वायरल बुखार का हार्ट पर प्रभाव: जानें एक्सपर्ट की राय

डेंगू और वायरल बुखार के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, और ये बीमारियाँ न केवल शरीर को कमजोर करती हैं, बल्कि हार्ट पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू में वायरस हार्ट की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है, जिससे मायोकार्डिटिस जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वायरल बुखार के कारण भी हार्ट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इस लेख में जानें कि कैसे इन बीमारियों से बचा जा सकता है और हार्ट के मरीजों को क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
 | 
डेंगू और वायरल बुखार का हार्ट पर प्रभाव: जानें एक्सपर्ट की राय

डेंगू और वायरल बुखार का हार्ट पर असर

डेंगू और वायरल बुखार का हार्ट पर प्रभाव: जानें एक्सपर्ट की राय

क्या डेंगू और वायरल बुखार का हार्ट पर असर हो सकता है? Image Credit source: Getty Images

वर्तमान में, देश के विभिन्न हिस्सों में डेंगू और वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। डेंगू, एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जबकि वायरल बुखार मौसम में बदलाव और वायरल संक्रमण के कारण फैलता है। इन दोनों बीमारियों के लक्षणों में तेज बुखार, शरीर में दर्द, थकान और कमजोरी शामिल हैं। डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से गिरावट आ सकती है, जबकि वायरल बुखार आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन यह शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर सकता है।

डेंगू और वायरल बुखार शरीर को अंदर से कमजोर कर देते हैं। डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी से शरीर में रक्तस्राव और अंगों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, वायरल बुखार लंबे समय तक रहने पर लिवर, किडनी और श्वसन तंत्र पर दबाव डाल सकता है। इन बीमारियों के कारण लगातार थकान, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से शरीर अन्य संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। आइए जानते हैं, क्या डेंगू और वायरल बुखार का हार्ट पर भी असर हो सकता है।

क्या डेंगू और वायरल बुखार का असर हार्ट पर भी होता है?

लाजपत नगर के मेदांता मूलचंद हार्ट सेंटर के निदेशक डॉ. तरुण कुमार के अनुसार, डेंगू और वायरल बुखार न केवल शरीर पर, बल्कि हार्ट पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। डेंगू में वायरस सीधे हार्ट की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है, जिससे मायोकार्डिटिस जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस स्थिति में दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है और पंपिंग क्षमता में कमी आ जाती है। कई मामलों में रक्तचाप में गिरावट और शॉक जैसी स्थिति भी देखी जा सकती है।

वहीं, वायरल बुखार के दौरान लंबे समय तक तेज बुखार और शरीर में सूजन हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डाल सकते हैं। वायरल संक्रमण हार्ट की मांसपेशियों और उसकी इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को प्रभावित कर सकता है, जिससे धड़कन असामान्य हो सकती है। जिन व्यक्तियों को पहले से हार्ट से संबंधित समस्याएं हैं, उनके लिए डेंगू और वायरल बुखार और भी खतरनाक हो सकते हैं। समय पर उपचार और उचित निगरानी से इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान

मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें।

घर के आसपास पानी जमा न होने दें।

तेज बुखार, शरीर में दर्द या प्लेटलेट्स की कमी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ का सेवन करें।

हार्ट के मरीजों को बुखार के दौरान विशेष निगरानी रखनी चाहिए।

डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयां न लें।