डायबिटीज का बढ़ता खतरा: 2050 तक 85 करोड़ लोग होंगे प्रभावित
डायबिटीज के मरीजों की बढ़ती संख्या
बढ़ रहे डायबिटीज के मरीज
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने हाल ही में एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि यदि वर्तमान स्थिति बनी रही, तो 2050 तक दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 85 करोड़ से अधिक हो सकती है। इस संख्या में युवाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है। इस रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं, जैसे कि यह बीमारी इतनी तेजी से क्यों फैल रही है और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है। इन सवालों के उत्तर जानने के लिए हमने विशेषज्ञों से चर्चा की है।
दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ. एल. एच. घोटेकर के अनुसार, डायबिटीज के मामलों में वृद्धि के दो प्रमुख कारण हैं। पहला, पहले की तुलना में अधिक जांच और दूसरा, खराब खानपान और जीवनशैली। डॉ. घोटेकर का कहना है कि अब लोग डायबिटीज के प्रति जागरूक हो गए हैं, जिससे जांच की संख्या में वृद्धि हुई है और नए मामले सामने आ रहे हैं।
डॉ. घोटेकर ने बताया कि डायबिटीज एक गैर-संक्रामक बीमारी है, लेकिन यह महामारी की तरह फैल रही है। हाल के वर्षों में खानपान के पैटर्न में बदलाव ने इस बीमारी को बढ़ावा दिया है।
खराब खानपान और प्रोसेस्ड फूड का प्रभाव
खराब खानपान और अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन बढ़ रहा है, जो रक्त शर्करा को तेजी से बढ़ाता है। आजकल की डाइट में फाइबर की कमी और शुगर-फैट की अधिकता है, जो टाइप-2 डायबिटीज का मुख्य कारण बनती है। इस तरह के भोजन से पेट के आसपास चर्बी जमा होती है, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाती है और शुगर नियंत्रण को प्रभावित करती है।
मानसिक तनाव का योगदान
डॉ. घोटेकर ने बताया कि पहले डायबिटीज 50-60 साल की उम्र में होती थी, लेकिन अब यह 30-40 साल की उम्र में भी देखी जा रही है। आज के युवा मानसिक तनाव और नींद की कमी का सामना कर रहे हैं, जो सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग के कारण हो रहा है। यह हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है, जिससे रक्त शर्करा बढ़ सकता है।
डायबिटीज के आंकड़े
डायबिटीज के गंभीर परिणाम
गाजियाबाद के जिला अस्पताल के मेडिसिन विभाग के डॉ. संतराम यादव ने बताया कि यदि डायबिटीज को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह हृदयाघात, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर और दृष्टिहीनता जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। कुछ मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है। डायबिटीज के कारण किडनी खराब होने का खतरा भी होता है, जिससे जान जाने का जोखिम बढ़ जाता है।
डायबिटीज के मरीजों में गैंग्रीन का खतरा भी होता है, जो एक गंभीर बीमारी है। ऐसे मामलों में भी देखे गए हैं जहां डायबिटीज का प्रभाव हृदय पर पड़ा है। इसलिए इस बीमारी को नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है। विशेष रूप से, इसके लक्षणों के बारे में जागरूक रहना जरूरी है।
डायबिटीज के लक्षण
प्यास का बढ़ना
अधिक यूरिन आना
भूख का बढ़ना
बिना कारण वजन कम होना
थकान महसूस होना
धुंधला दिखना
घाव का धीरे-धीरे भरना
डायबिटीज से बचाव के उपाय
रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें
मीठे और पैकेज्ड फूड का सेवन सीमित करें
मानसिक तनाव से बचें
फास्ट फूड के सेवन से दूर रहें.
