जामुन की गुठली: क्या यह डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक है?

गर्मियों में जामुन का महत्व
जैसे ही भारत में गर्मियों का मौसम आता है, बाजारों में मौसमी फलों की भरमार हो जाती है। इनमें जामुन एक विशेष फल है, जो स्वाद में हल्का खट्टा-मीठा और गहरे बैंगनी रंग का होता है। यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अद्वितीय हैं। आयुर्वेद में इसे दीर्घायु फल माना गया है, और इसके बीज, जिन्हें गुठली कहा जाता है, भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं। कहा जाता है कि जामुन की गुठली डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
जामुन की गुठली के पोषक तत्व
जामुन के साथ-साथ इसकी गुठली भी अत्यधिक फायदेमंद होती है। आयुर्वेद में इसे पोषक तत्वों का भंडार कहा गया है। इसमें फ्लावोनॉइड्स, फिनोलिक कंपाउंड्स, जैंथोन, सैपोनिन्स और ऐल्कलॉइड्स जैसे तत्व होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-डायबेटिक गुणों से भरपूर होते हैं। इसके अतिरिक्त, गुठली में जैम्बोलिन और जैम्बोसिन जैसे तत्व भी होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
क्या जामुन की गुठली डायबिटीज को नियंत्रित करती है?
आयुर्वेद विशेषज्ञ किरण गुप्ता के अनुसार, जामुन की गुठली डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक होती है। यदि आप 100 ग्राम जामुन का सेवन कर रहे हैं, तो 4-5 जामुन की गुठलियां चबाकर खाना फायदेमंद हो सकता है। इससे शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद मिलती है। हालांकि, गर्मियों में इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।
जामुन की गुठली के अन्य लाभ
जामुन की गुठली का सेवन न केवल शुगर को नियंत्रित करता है, बल्कि यह पाचन में सुधार, लिवर डिटॉक्सिफिकेशन और इम्युनिटी को मजबूत बनाने में भी सहायक है। यह पेट की समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी और दस्त में भी राहत प्रदान करता है। इसलिए जामुन खाने के बाद उसकी गुठली को फेंकने के बजाय सुखाकर उसका उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है।