खड़े होकर पानी पीने के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें क्यों है यह हानिकारक

खड़े होकर पानी पीने के नुकसान
खड़े होकर पानी पीने के दुष्प्रभाव: पानी आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। यदि आपकी आदत है खड़े होकर पानी पीने की, तो आपको सावधान रहना चाहिए। यह आदत आपको कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है।
आयुर्वेद में पानी पीने के कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, जिनमें से एक यह है कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र में भी इसके पीछे कई कारण बताए गए हैं। इस्लाम में भी खड़े होकर पानी पीना मना किया गया है। अक्सर बड़े बुजुर्ग इस बात का ध्यान रखने के लिए कहते हैं। कुछ लोग जल्दी-जल्दी पानी पीते हैं, जबकि कुछ को खड़े होकर पानी पीने की आदत होती है।
ज्योतिषशास्त्र में खड़े होकर पानी पीने के कारण
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, खड़े होकर पानी पीने से व्यक्ति के ग्रह प्रभावित होते हैं, जिससे जीवन में कई बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
आयुर्वेद में खड़े होकर पानी पीने की मनाही
आयुर्वेद में खड़े होकर या लेटकर पानी पीने से किडनी और फेफड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। पानी हमेशा बैठकर और धीरे-धीरे पीना चाहिए।
इस्लाम में खड़े होकर पानी पीने का दृष्टिकोण
इस्लाम में खड़े होकर पानी पीना हराम माना गया है। पैगंबर मुहम्मद ने कहा था, "बैठकर पानी पियो।" हालांकि, आबे जमजम का बचे हुए पानी को खड़े होकर पीना स्वीकार्य है।
खड़े होकर पानी पीने के स्वास्थ्य पर प्रभाव
जोड़ों में दर्द की संभावना
खड़े होकर पानी पीने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए हमेशा बैठकर पानी पीना चाहिए, जिससे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बना रहे।
गुर्दे पर अतिरिक्त दबाव
खड़े होकर पानी पीने से गुर्दे पर अधिक दबाव पड़ता है। जब लोग खड़े होकर पानी पीते हैं, तो यह सीधे मूत्राशय में चला जाता है, जिससे गुर्दे में सही तरीके से फ़िल्टर नहीं हो पाता। इससे गुर्दे की समस्याएं हो सकती हैं।
पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव
खड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पानी तेजी से पेट में पहुंचता है और आंतों के आसपास जमा हो जाता है, जिससे गैस, एसिडिटी और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।