क्या मल्टीविटामिन लेना है सही? जानें स्वास्थ्य पर प्रभाव

मल्टीविटामिन का सेवन: लाभ या हानि?
आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में लोग अपनी सेहत को बनाए रखने के लिए मल्टीविटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना चिकित्सकीय सलाह के इन सप्लीमेंट्स का सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है? हाल ही में, अमेरिकी चिकित्सकों के एक समूह ने 'एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' में प्रकाशित एक संपादकीय में इस बात पर जोर दिया है कि अपनी मर्जी से मल्टीविटामिन लेना न केवल बेकार हो सकता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी जोखिम भरा हो सकता है। आइए, इस विषय पर गहराई से विचार करें और समझें कि मल्टीविटामिन का सेवन कब और क्यों आवश्यक है।
मल्टीविटामिन: आवश्यकता या खतरा?
चिकित्सकों का कहना है कि बिना सोच-समझे मल्टीविटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स का उपयोग गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। विशेष रूप से, नियमित रूप से विटामिन की गोलियाँ (विटामिन डी3 को छोड़कर) लेने से हृदय रोग और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। कई लोग मानते हैं कि विटामिन की गोलियाँ लेने से उनकी ऊर्जा बढ़ेगी और वे बीमारियों से बचे रहेंगे। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप संतुलित आहार ले रहे हैं, जिसमें दालें, हरी सब्जियाँ, फल और साबुत अनाज शामिल हैं, तो आपको अतिरिक्त सप्लीमेंट्स की आवश्यकता नहीं है।
कब लेना चाहिए सप्लीमेंट्स?
कुछ विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर मल्टीविटामिन या मिनरल सप्लीमेंट्स की सलाह दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन, फोलिक एसिड या कैल्शियम की आवश्यकता हो सकती है। इसी तरह, रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के दौरान हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा, यदि आपको लगातार थकान, कमजोरी या किसी विशेष पोषक तत्व की कमी का अनुभव हो रहा है, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लेना फायदेमंद हो सकता है। लेकिन बिना चिकित्सकीय परामर्श के इनका सेवन करने से बचना चाहिए।
संतुलित आहार: असली समाधान
चिकित्सकों का मानना है कि एक स्वस्थ और संतुलित आहार आपके शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकता है। हरी सब्जियाँ जैसे पालक और ब्रोकली, दालें, और मौसमी फल विटामिन और मिनरल्स का खजाना हैं। ये न केवल आपके शरीर को पोषण देते हैं, बल्कि अतिरिक्त सप्लीमेंट्स की आवश्यकता को भी कम करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सप्लीमेंट्स का सहारा तभी लेना चाहिए, जब आपके आहार में किसी पोषक तत्व की कमी हो या कोई विशेष स्वास्थ्य स्थिति हो।
बिना सलाह के सप्लीमेंट्स क्यों न लें?
बिना चिकित्सकीय सलाह के मल्टीविटामिन लेने से कई जोखिम हो सकते हैं। कुछ विटामिन, जैसे विटामिन ए, डी, ई, और के, शरीर में अधिक मात्रा में जमा हो सकते हैं, जिससे विषाक्तता (टॉक्सिसिटी) का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, कुछ सप्लीमेंट्स अन्य दवाओं के साथ मिलकर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप पहले से ही कोई दवा ले रहे हैं, तो मल्टीविटामिन उस दवा के असर को कम या ज्यादा कर सकता है। इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सप्लीमेंट्स लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
निष्कर्ष: समझदारी से सेहत का ध्यान
मल्टीविटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स को सेहत का जादुई समाधान मानना गलत है। ये गोलियाँ तभी फायदेमंद हैं, जब इन्हें सही समय पर और सही मात्रा में लिया जाए। यदि आप अपने आहार में विविधता लाते हैं और नियमित रूप से पौष्टिक भोजन करते हैं, तो आपको अतिरिक्त सप्लीमेंट्स की आवश्यकता शायद ही पड़े। अपनी सेहत को लेकर जागरूक रहें, लेकिन बिना सोचे-समझे कोई भी कदम उठाने से बचें। अगली बार जब आप मल्टीविटामिन की बोतल की ओर हाथ बढ़ाएँ, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।