कैल्शियम से जुड़े मिथक: विशेषज्ञों की राय

कैल्शियम का महत्व
सही पोषण के लिए सभी आवश्यक तत्वों की जरूरत होती है, जिसमें कैल्शियम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है, बल्कि गिरने पर फ्रैक्चर के जोखिम को भी कम करता है। इसके अलावा, कैल्शियम हमारे स्वास्थ्य के लिए कई अन्य तरीकों से फायदेमंद है।
डेयरी उत्पादों में कैल्शियम
दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। हालांकि, यह धारणा गलत है कि लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोगों को कैल्शियम नहीं मिल पाता। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक मिथक है।
कैल्शियम के अन्य स्रोत
कैल्शियम केवल डेयरी उत्पादों में ही नहीं, बल्कि मूंगफली, तिल, बादाम, ओट्स, ब्रोकली, सोया उत्पादों और हरी पत्तेदार सब्जियों में भी पाया जाता है। इसके अलावा, संतरे का जूस और टोफू जैसे फूड्स भी कैल्शियम से भरपूर होते हैं।
सप्लीमेंट्स का सेवन
कई लोग मानते हैं कि कैल्शियम सप्लीमेंट्स को दूध के साथ लेना आवश्यक है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कैल्शियम कार्बोनेट को भोजन के साथ लेना बेहतर होता है। वहीं, कैल्शियम सिट्रेट को खाली पेट भी लिया जा सकता है।
कैल्शियम की आवश्यकता
कैल्शियम केवल बच्चों के विकास के लिए नहीं, बल्कि उनके हड्डियों, दांतों, मांसपेशियों, नर्वस सिस्टम और हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इसकी कमी से भविष्य में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा
हालांकि ऑस्टियोपोरोसिस आमतौर पर बुजुर्गों में देखा जाता है, यह किसी भी उम्र में हो सकता है। यह पोषण की कमी, अत्यधिक दवाओं का सेवन, हार्मोनल समस्याओं और अन्य कारणों से युवाओं में भी विकसित हो सकता है।