केंद्र सरकार ने आवश्यक दवाओं की सूची में 34 नई दवाएं जोड़ी

नई दवाओं का समावेश
केंद्र सरकार ने आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में 34 नई दवाओं को शामिल किया है। इस कदम से कई कैंसर रोधी, एंटीबायोटिक दवाएं और टीके सस्ते होने की उम्मीद है, जिससे मरीजों पर वित्तीय बोझ कम होगा। इस सूची में संक्रमण से बचाव के लिए कई दवाएं भी जोड़ी गई हैं, जिससे अब NLEM में कुल 384 दवाएं शामिल हो गई हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि NLEM में शामिल दवाओं की कीमतें राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
नवीनतम दवाओं की सूची
सरकार द्वारा जोड़ी गई दवाओं में इवरमेक्टिन, मुपिरोसिन और मेरोपेनेम जैसी संक्रमण से बचाव वाली दवाएं शामिल हैं। कैंसर की रोकथाम में सहायक चार प्रमुख दवाएं, जैसे बेंडामुस्टाइन हाइड्रोक्लोराइड, इरिनोटेकन एचसीआई ट्राइहाइड्रेट, लेनालेडोमाइड और ल्यूप्रोलाइड एसीटेट भी इस सूची में शामिल की गई हैं। इसके अलावा, मनोचिकित्सा के उपचार में उपयोग होने वाली निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी और ब्यूप्रेनोर्फिन को भी जोड़ा गया है। गर्भनिरोधक दवाएं, सांस से संबंधित बीमारियों की दवाएं, हार्ट और आंखों से संबंधित कुछ दवाएं भी इस नई सूची में शामिल हैं।
कौन सी दवाएं हटाई गईं?
केंद्र सरकार ने आवश्यक दवाओं की सूची से 26 दवाओं को हटा दिया है, जिनमें रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा शामिल हैं। विशेष रूप से रैनिटिडिन के मामले में लंबे समय से विवाद चल रहा है। अमेरिका, कनाडा, इटली, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे जैसे 15 से अधिक देशों ने पहले ही इस पर कार्रवाई की है। भारत में रैनिटिडिन का उपयोग एसिडिटी, गैस्ट्रिक अल्सर और अन्य पेट से संबंधित बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
रैनिटिडिन को हटाने का कारण
रैनिटिडिन के खिलाफ लंबे समय से विवाद चल रहा है, जिसमें इसे कैंसर को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है। अमेरिका का खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) इस दवा में कैंसरकारी अशुद्धता पाए जाने के बाद से इसकी जांच कर रहा है। रैनिटिडिन में N-Nitrosodimethylamine (NDMA) का निम्न स्तर पाया गया था, जो पेट, आमाशय और मूत्र नली के कैंसर का कारण बन सकता है।