कमजोर हड्डियों के कारण और बचाव के उपाय
कमजोर हड्डियों की समस्या
कमजोर हड्डियों की समस्या
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हड्डियां न केवल शरीर को आकार देती हैं, बल्कि हमारी दैनिक गतिविधियों को भी संभव बनाती हैं। मजबूत हड्डियों का होना कैल्शियम के संतुलन को बनाए रखता है, जिससे मांसपेशियों को ऊर्जा मिलती है और दांत स्वस्थ रहते हैं। उम्र के साथ बोन डेंसिटी में कमी आती है, इसलिए मजबूत हड्डियों का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मजबूत हड्डियों से शरीर का पोस्चर सही रहता है, थकान कम होती है और भविष्य में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव संभव होता है।
कमजोर हड्डियां केवल एक साधारण स्वास्थ्य समस्या नहीं हैं, बल्कि ये कई बीमारियों का कारण बन सकती हैं। हड्डियों की कमजोरी से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। मामूली गिरने पर भी हड्डी टूट सकती है, जिससे लंबे समय तक बिस्तर पर रहना पड़ सकता है। इसके अलावा, कमजोरी के कारण जोड़ों में दर्द, पीठ और कमर में जकड़न, चलने-फिरने में कठिनाई और स्टैमिना में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस, कैल्शियम और विटामिन डी की कमी भी इसके कारण बनती हैं। कमजोर हड्डियों के कारण बुजुर्गों में संतुलन बिगड़ता है और गिरने की संभावना बढ़ जाती है.
कमजोर हड्डियों के कारण
मैक्स हॉस्पिटल के डॉ. अखिलेश यादव के अनुसार, हड्डियों की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं। सबसे प्रमुख कारण भोजन में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी है, क्योंकि ये दोनों तत्व हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक हैं। धूप की कमी भी विटामिन डी की कमी को बढ़ाती है। उम्र बढ़ने पर, विशेषकर महिलाओं में मेनोपॉज के बाद, हड्डियां पतली होने लगती हैं।
इसके अलावा, शारीरिक गतिविधियों की कमी, लंबे समय तक बैठकर काम करना, धूम्रपान, अधिक शराब का सेवन और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन भी हड्डियों को कमजोर बनाता है। थायरॉयड, किडनी रोग और स्टेरॉयड जैसी दवाओं का लंबे समय तक उपयोग भी बोन डेंसिटी को प्रभावित कर सकता है। इसलिए संतुलित जीवनशैली और पोषण का ध्यान रखना आवश्यक है.
कमजोर हड्डियों से बचाव के उपाय
रोजाना 15-20 मिनट धूप में बिताएं.
कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार का सेवन करें.
नियमित रूप से वॉक, योग या स्ट्रेंथ एक्सरसाइज करें.
धूम्रपान और शराब से दूर रहें.
जंक फूड और सोडा का सेवन कम करें.
समय-समय पर बोन डेंसिटी टेस्ट कराते रहें.
