आयुर्वेदिक उपायों से डायबिटीज का इलाज: दवाओं से छुटकारा पाएं

डायबिटीज का आयुर्वेदिक उपचार
डायबिटीज का खतरा: यह एक गंभीर बीमारी है जो शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर देती है। भारत में, यह तेजी से बढ़ रही है, जिससे इसे डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है। यहाँ 18 वर्ष से ऊपर के 77 मिलियन लोग टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित हैं और लगभग 25 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज से ग्रसित हैं।
यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं और एलोपैथिक दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो आपको यह जानकर निराशा हो सकती है कि यह बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं होगी। आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर इरफान के अनुसार, यदि आप जीवनभर एलोपैथिक दवाएं लेते रहेंगे, तो आपकी स्थिति में सुधार नहीं होगा, बल्कि अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।
डॉक्टर ने बताया कि एलोपैथिक दवाओं के सेवन से शरीर में कमजोरी आ सकती है। इसके विपरीत, यदि आप आयुर्वेदिक उपचार अपनाते हैं, तो न केवल आपकी दवाएं कम होंगी, बल्कि आपकी शुगर भी नियंत्रित हो जाएगी।
आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
- जामुन की गुठली - 40 ग्राम
- गुड़मार - 30 ग्राम
- करेला - 30 ग्राम
- मेथी दाना - 30 ग्राम
- नीम की पत्ते - 25 ग्राम
- विजय सार - 30 ग्राम
- बेल पत्र - 20 ग्राम
- त्रिकटु - 15 ग्राम
- सूखा आंवला - 25 ग्राम
- हरड़ - 25 ग्राम
इन सामग्रियों को एक अच्छे पंसारी से प्राप्त किया जा सकता है। इन्हें अच्छी तरह से कूटकर बारीक पाउडर बना लें और एक सूखे प्लास्टिक के डिब्बे में रखें।
डॉक्टर ने बताया कि इस पाउडर का सेवन करना भी सरल है। यदि आप शुगर के मरीज हैं, तो इसे सुबह नाश्ते से आधा घंटा पहले और शाम को खाने से आधा घंटा पहले एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें।
4-5 दिनों में आपको इसके प्रभाव का अनुभव होने लगेगा। यह पाउडर आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बना है, जिसमें औषधीय गुण होते हैं।
डॉक्टर ने यह भी बताया कि एलोपैथिक दवाएं न केवल शरीर को कमजोर करती हैं, बल्कि पौरुष शक्ति को भी प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करना अधिक फायदेमंद हो सकता है।
डॉक्टर का सुझाव है कि डायबिटीज का स्थायी इलाज आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से किया जा सकता है। ये जड़ी-बूटियाँ सस्ती और प्रभावी हैं।