आंतों के कैंसर: कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

आंतों के कैंसर की जानकारी
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आंतों का कैंसर, जिसे कोलन कैंसर या रेक्टल कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यह बड़ी आंत या मलाशय में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि के कारण होता है। यह बीमारी धीरे-धीरे विकसित होती है और इसके प्रारंभिक लक्षणों की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। इसके लक्षणों को समय पर पहचानना और उपचार कराना अत्यंत आवश्यक है।
कई बार, प्रारंभिक अवस्था में आंतों के कैंसर का पता नहीं चल पाता है, लेकिन यदि पेट में लंबे समय तक दर्द या ऐंठन महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कि आंतों में कैंसर कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
आंतों में कैंसर के कारण
आंतों में कैंसर होने के प्रमुख कारण
गलत खानपान: अधिक वसायुक्त, जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन आंतों की सेहत को प्रभावित करता है।
फाइबर की कमी: फलों, हरी सब्जियों और अनाज की कमी से पाचन तंत्र कमजोर होता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
धूम्रपान और शराब: तंबाकू और शराब का अधिक सेवन आंतों में कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को आंतों का कैंसर हुआ हो, तो जोखिम अधिक हो सकता है।
मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता: अधिक वजन और कम शारीरिक गतिविधि से आंतों की सेहत प्रभावित होती है।
पुरानी बीमारियां: लंबे समय तक पेट से जुड़ी समस्याएं, जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन डिजीज, भी आंतों के कैंसर का कारण बन सकती हैं.
आंतों के कैंसर के लक्षण
आंतों के कैंसर के लक्षण
शरीर में कमजोरी और थकान: लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना।
वजन में अचानक गिरावट: बिना किसी कारण वजन कम होना कैंसर का संकेत हो सकता है।
खून की कमी (एनीमिया): शरीर में खून की कमी और चेहरे पर पीलापन दिखना।
मल में खून आना: शौच के दौरान मल में खून आना या रंग बदल जाना।
पेट दर्द और सूजन: लंबे समय तक पेट में दर्द, ऐंठन या सूजन रहना।
कब्ज या दस्त की समस्या: पेट की सामान्य दिनचर्या में बदलाव जैसे कब्ज, दस्त या मल त्यागने में परेशानी होना।
कैंसर से बचाव के उपाय
कैंसर से बचाव के उपाय
स्वस्थ आहार लें: फाइबर युक्त आहार, हरी सब्जियां, फल और साबुत अनाज का सेवन करें।
व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें या योग करें।
धूम्रपान और शराब से बचें: ये दोनों चीजें कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं।
नियमित जांच कराएं: यदि परिवार में कैंसर का इतिहास है, तो डॉक्टर से समय-समय पर परामर्श लें।