चार पैरों पर चलने का नया ट्रेंड! क्वाड्रोबिक्स ने मचाया सोशल मीडिया पर धमाल

नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। एयरोबिक्स, एरियल योग के बाद अब एक और शारीरिक व्यायाम ट्रेंड में है। खासकर सोशल मीडिया के इस दौर में ये फिजिकल एक्टिविटी काफी पसंद की जा रही है और इसका नाम क्वाड्रोबिक्स है। यह न सिर्फ एक शारीरिक गतिविधि है, बल्कि एक कलात्मक प्रदर्शन भी है, जो आत्म-अभिव्यक्ति, फिटनेस और क्रिएटिविटी का अनोखा संगम है।
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चार पैरों पर चलने का नया ट्रेंड! क्वाड्रोबिक्स ने मचाया सोशल मीडिया पर धमाल

नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)। एयरोबिक्स, एरियल योग के बाद अब एक और शारीरिक व्यायाम ट्रेंड में है। खासकर सोशल मीडिया के इस दौर में ये फिजिकल एक्टिविटी काफी पसंद की जा रही है और इसका नाम क्वाड्रोबिक्स है। यह न सिर्फ एक शारीरिक गतिविधि है, बल्कि एक कलात्मक प्रदर्शन भी है, जो आत्म-अभिव्यक्ति, फिटनेस और क्रिएटिविटी का अनोखा संगम है।

क्वाड्रोबिक्स एक फिजिकल मूवमेंट स्टाइल है जिसमें इंसान चार पैरों (हाथों और पैरों) पर जानवरों की तरह दौड़ता, कूदता और घूमता है। इन दिनों यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काफी 'इन,' यानी ट्रेंड में है। यह 'क्वाड' (चार) और 'एरोबिक्स' (शारीरिक व्यायाम) को मिलाकर बना है। इसमें कई तरह की चालें और स्टंट शामिल हैं, जैसे चार पैरों पर दौड़ना, फ्लिप करना, एनिमल-स्टाइल मूवमेंट्स दिखाना और कूदते हुए चाल अचानक बदल देना।

जो इन दिनों ट्रेंड में है, आखिर उस क्वाड्रोबिक्स की शुरुआत कब हुई? तो इतिहास बड़ा रोचक है। 2010 के दशक में कुछ युवा जो खुद को "थेरियन" या "अदरकिंस" के रूप में पहचानते थे—यानी वे लोग जो खुद को आधा इंसान, आधा जानवर महसूस करते हैं—उन्होंने जानवरों जैसी हरकतें करना शुरू किया, और धीरे-धीरे यह एक "फिजिकल आर्ट फॉर्म" बन गया।

हालांकि अब यह सिर्फ थेरियन समुदाय तक सीमित नहीं है—आज यह एक फिजिकल फिटनेस ट्रेंड बन चुका है जिसे बहुत से युवा अपनी कला, चुस्ती और स्टेमिना से जोड़कर देखते हैं। इसके फायदे कई हैं। यह एक अच्छा कार्डियो वर्कआउट है जिससे स्टेमिना और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। क्रिएटिविटी का प्रदर्शन भी करते हैं। क्वाड्रोबिक्स में लोग अपने मूवमेंट्स को म्यूजिक के साथ मिलाकर वीडियो बनाते हैं। यह लोगों को अपनी पहचान, शैली और सोच को व्यक्त करने का मौका देता है।

इसमें शारीरिक संतुलन, ताकत और सतर्कता की जरूरत होती है। शुरुआत करने से पहले वार्म-अप और अभ्यास जरूरी है ताकि चोट से बचा जा सके। कुछ लोग इसमें भेड़िया, बिल्ली या अन्य जानवरों की तरह मूवमेंट करते हैं और अपने 'नेचुरल इमोशन्स' को अभिव्यक्त करते हैं। कभी किसी मोड़ पर अगर आपको कोई अजीबोगरीब चेहरा बनाकर किसी जानवर की तरह चलता दिखे तो उसे बुद्धु समझने की भूल कतई न करिएगा।

--आईएएनएस

केआर/