कमर दर्द से परेशान हैं तो करें त्रिकोणासन, आयुष मंत्रालय ने बताए फायदे

नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में स्वस्थ रहने के लिए योग करना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे शारीरिक मजबूती के साथ-साथ मानसिक शांति भी मिलती है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। योग में यूं तो कई आसन हैं, इसमें से 'त्रिकोणासन' एक महत्वपूर्ण और बेहद सरल आसन है, जिसे करने से शरीर और मन दोनों को लाभ होता है। आयुष मंत्रालय ने हाल ही में अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर त्रिकोणासन को लेकर एक पोस्ट साझा किया है, जिसमें इस योगासन के फायदे और सही अभ्यास की विधि की जानकारी दी गई है।
आयुष मंत्रालय के पोस्ट के मुताबिक, त्रिकोणासन शरीर की ताकत और ऊर्जा को बढ़ाता है। इस आसन के जरिए रीढ़ की हड्डी की मजबूती और लचीलापन बढ़ता है, जिससे कमर दर्द और पीठ संबंधी परेशानियों में राहत मिलती है। साथ ही यह पिंडली, जांघ और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जो शरीर के संतुलन को बेहतर बनाता है।
इसके अलावा, त्रिकोणासन फेफड़ों की क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे सांस लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है। यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है, जिन्हें सांस लेने में परेशानी होती है।
त्रिकोणासन करने से त्वचा से जुड़ी परेशानियों जैसे दाने, झाइयां या रूखापन आदि से राहत मिलती है, क्योंकि यह आसन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह आसन काफी मददगार माना जाता है, क्योंकि यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करता है और ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है।
इसके अलावा, पाचन तंत्र भी इससे मजबूत होता है, जिससे गैस, एसिडिटी जैसी दिक्कतें कम होती हैं।
आयुष मंत्रालय ने अपने इस पोस्ट में त्रिकोणासन का सही अभ्यास करने का तरीका भी साझा किया है। पोस्ट में तस्वीरों के जरिए आसन विधि को बताया गया है।
त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले सावधान की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाएं। फिर एक पैर को उठाकर दूसरे से लगभग डेढ़ फुट की दूरी पर रखें, लेकिन ध्यान रखें कि दोनों पैर एक सीध में हों। अब गहरी सांस लें और दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं। इसके बाद धीरे-धीरे कमर से आगे की ओर झुकें और सांस बाहर छोड़ें। अब दाएं हाथ से बाएं पैर को छुएं और बाएं हाथ को सीधा ऊपर की ओर उठाएं। गर्दन घुमाकर ऊपर उठी हथेली की ओर देखें और इस स्थिति में 2-3 सेकंड तक सांस रोक कर रहें। फिर धीरे-धीरे शरीर को सीधा करें और सांस लेते हुए वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
पोस्ट के आखिर में आयुष मंत्रालय ने स्लिप डिस्क और सायटिका से पीड़ित मरीजों को इस आसन को करने से स्पष्ट मना किया है। साथ ही कहा कि जिन लोगों की हाल ही में पेट की सर्जरी हुई है, वे भी इस आसन को न करें।
--आईएएनएस
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