बच्चों को घातक स्ट्रेप ए संक्रमण से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजे एंटीबॉडी

नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि कुछ बच्चों में "स्ट्रेप ए" नाम के सामान्य बैक्टीरिया संक्रमण के खिलाफ प्राकृतिक तौर पर प्रतिरक्षा (इम्युनिटी) कैसे बन जाती है। यह एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि इससे ऐसा टीका (वैक्सीन) बनाने में मदद मिल सकती है जो हर साल दुनिया भर में लगभग 5 लाख लोगों की जान बचा सकता है।
स्ट्रेप ए से आमतौर पर गले में दर्द या त्वचा पर हल्का संक्रमण होता है। लेकिन, कभी-कभी यह बहुत खतरनाक भी हो सकता है।
हर साल निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लाखों लोग इस संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है बार-बार संक्रमण होना, जिसका दिल को भी नुकसान पहुंचने के बीच संबंध मिला है।
शेफील्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने खास एंटीबॉडी खोजी हैं जो खतरनाक संक्रमण से बचाव कर सकती हैं।
शेफील्ड विश्वविद्यालय के फ्लोरे इंफेक्शन संस्थान के डॉ. एलेक्स कीली ने कहा, "हमारे शोध का नतीजा एक सुरक्षित और असरदार टीका बनाने की तरफ एक बड़ा कदम है, जो ब्रिटेन और दुनिया भर में लगभग पांच लाख लोगों की जान बचा सकता है।"
कीली ने कहा, "अब पहली बार हम मनुष्यों में देख सके हैं कि टीका लगने के बाद बनने वाले एंटीबॉडी कैसे संक्रमण को रोकते हैं और ये एंटीबॉडी स्ट्रेप ए से लड़ने में कैसे मदद करते हैं।"
नेचर मेडिसिन नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में देखा गया है कि लोगों में जन्म से लेकर पूरे जीवन में संक्रमण के खिलाफ हमारी प्राकृतिक सुरक्षा यानी एंटीबॉडी कैसे बनती और बढ़ती हैं।
शोध में पाया गया कि बच्चे स्ट्रेप ए से बचाव के लिए अपनी मां से थोड़ी सुरक्षा लेकर पैदा होते हैं, लेकिन वह सुरक्षा जल्दी खत्म हो जाती है।
जब छोटे बच्चे स्ट्रेप ए बैक्टीरिया के संपर्क में आते हैं, तो उनके शरीर में बैक्टीरिया के अलग-अलग हिस्सों के खिलाफ एंटीबॉडी तेजी से बनती हैं। इस खास समय को पहचानना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह भविष्य में टीका बनाने में मदद कर सकता है।
कीली ने कहा, "अब हमें पता है कि स्ट्रेप ए से बचाव के लिए जीवन के पहले कुछ साल बहुत जरूरी हैं। हम इससे यह भी बेहतर समझ सकते हैं कि यह प्रतिरक्षा कैसे बनती है।"
शोधकर्ता ने कहा, "हमें उम्मीद है कि इससे दुनिया के कई हिस्सों में टीकों का परीक्षण बढ़ेगा और अंत में यह साबित होगा कि ये टीके स्ट्रेप ए से सुरक्षित और असरदार बचाव कर सकते हैं।"
--आईएएनएस
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