रेस्तरां मेन्यू में सॉल्ट वार्निंग लेबल से दिल और किडनी रोगों की रोकथाम: लैंसेट

नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। एक नए अध्ययन के अनुसार, रेस्तरां के मेन्यू पर नमक की चेतावनी वाले लेबल लगाने से ग्राहक अधिक नमक वाले भोजन को चुनने से बच सकते हैं और स्वस्थ विकल्प अपना सकते हैं। यह निष्कर्ष यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल की एक नई स्टडी में सामने आया है।
यह स्टडी द लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुई है। यह रणनीति हृदय रोगों और अधिक नमक के कारण होने वाली किडनी की समस्याओं से लड़ने में महत्वपूर्ण हो सकती है।
शोध में पहली बार यह तुलना की गई कि नमक की चेतावनी लेबल वाले मेन्यू देखने वाले लोग और बिना लेबल वाले मेन्यू देखने वाले लोग खाने के ऑर्डर में क्या अंतर लाते हैं। नतीजों से पता चला कि चेतावनी लेबल लोगों को ज्यादा नमक वाले व्यंजन चुनने से रोकते हैं, नमक की मात्रा के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैं और ऑर्डर किए गए नमक की मात्रा को काफी कम करते हैं।
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. रेबेका इवांस ने बताया, “अध्ययन से पता चलता है कि मेन्यू पर नमक चेतावनी लेबल लोगों को स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद करते हैं। अधिक नमक का सेवन आहार से जुड़ी बीमारियों का प्रमुख कारण है और इस तरह की लेबलिंग पॉलिसी लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (लगभग एक चम्मच से कम) या 2 ग्राम से कम सोडियम का सेवन करना चाहिए। हर साल 18.9 लाख मौतें अधिक नमक के सेवन से होती हैं। रेस्तरां में परोसे जाने वाले कई व्यंजनों में नमक की मात्रा बहुत अधिक होती है। अधिक नमक से ब्लड में सोडियम बढ़ जाता है, जिससे पानी का जमाव, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, हृदय रोग, किडनी रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और मोटापा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
शोध में एक ऑनलाइन और वास्तविक रेस्तरां सेटिंग में परीक्षण किया गया। रेस्तरां में 454 लोगों ने हिस्सा लिया, जहां चेतावनी लेबल वाले मेन्यू देखने वालों ने औसतन 12.5 प्रतिशत (0.54 ग्राम) कम नमक ऑर्डर किया। ऑनलाइन सर्वे में 2,391 लोगों ने हिस्सा लिया, जहां लेबल ने नमक के ऑर्डर को 0.26 ग्राम प्रति भोजन कम किया।
डॉ. इवांस ने कहा, “यह अध्ययन दिखाता है कि खरीदारी के समय छोटे-छोटे बदलाव स्वस्थ विकल्पों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।”
--आईएएनएस
एमटी/एएस