देश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए केंद्र ने राज्यों को जारी किए 33,081 करोड़ रुपए

नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। देश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2025-26 के बीच 33,081.82 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की ओर से संसद को दी गई।
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देश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए केंद्र ने राज्यों को जारी किए 33,081 करोड़ रुपए

नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। देश में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2025-26 के बीच 33,081.82 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की ओर से संसद को दी गई।

राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में, जाधव ने प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों पर स्वास्थ्य प्रणालियों और संस्थानों की क्षमता विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत किए गए उपायों के बारे में बताते हुए कहा कि बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर हेल्थ सिस्टम को वर्तमान और भविष्य की महामारियों या आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार करने में मदद कर सकता है।

जाधव ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए वित्त वर्ष 2021-22, वित्त वर्ष 2022-23, वित्त वर्ष 2023-24, वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 33,081.82 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस राशि का उपयोग "10,609 बिना भवन के आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम), 5,456 शहरी एएएम, 2,151 ब्लॉक जन स्वास्थ्य इकाइयों (बीपीएचयू), जिला स्तर पर 744 एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (आईपीएचएल) और 621 क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉकों (सीसीबी) के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए किया गया है।

पीएम-एबीएचआईएम, केंद्र सरकार की योजना है। वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 के बीच इस योजना का परिव्यय 64,180 करोड़ रुपए रहा है।

इस योजना का लक्ष्य तय अवधि में 17,788 आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का निर्माण करना है, जिन्हें अब एएएम के रूप में जाना जाता है।

इसके अलावा, इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों और झुग्गी-झोपड़ियों जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए 11,024 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र स्थापित करना है, जिन्हें अब यू-एएएम के रूप में जाना जाता है। वहीं, ब्लॉक स्तर पर 3,382 बीपीएचयू, देश भर में 730 डिस्ट्रिक्ट आईपीएचएल बनाना है, जिनमें प्रत्येक जिले में एक ऐसी प्रयोगशाला होगी।

इस धनराशि का उपयोग 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाले सभी जिलों में 602 सीसीबी स्थापित करने के लिए भी किया जाएगा।

-आईएएनएस

एबीएस/