पाकिस्तान में 42 स्थानों पर सीवेज में पोलियो वायरस की पुष्टि

इस्लामाबाद, 13 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, इस्लामाबाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान के 42 स्थानों पर सीवेज (गंदे पानी) के नमूनों में पोलियो वायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) मिला है।
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पाकिस्तान में 42 स्थानों पर सीवेज में पोलियो वायरस की पुष्टि

इस्लामाबाद, 13 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, इस्लामाबाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान के 42 स्थानों पर सीवेज (गंदे पानी) के नमूनों में पोलियो वायरस टाइप 1 (डब्ल्यूपीवी1) मिला है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में पोलियो उन्मूलन के लिए प्रयोगशाला ने मंगलवार को परीक्षण किए, जिसके अनुसार, जुलाई में 87 जिलों से कुल 127 सीवेज के सैंपल जुटाए गए। कलेक्ट किए गए सीवेज नमूनों में वाइल्ड पोलियोवायरस टाइप 1 पाया गया है, जिनमें से 75 सैंपल नेगेटिव और 42 सैंपल पॉजिटिव आए। 10 नमूनों की जांच अभी जारी है।

जुलाई में पाकिस्तान में पोलियो के तीन नए मामले सामने आए, जिसके बाद साल 2025 में देश में कुल पोलियो मामलों की संख्या 17 हो गई है। इनमें खैबर पख्तूनख्वा के नॉर्थ वजीरिस्तान और लक्की मारवत से दो मामले और सिंध के उमरकोट से एक मामला शामिल है।

पाकिस्तान के 'द न्यूज इंटरनेशनल' की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) में पोलियो उन्मूलन के लिए क्षेत्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान, लक्की मारवात और सिंध के उमरकोट में पोलियो के मामले सामने आए हैं।

नए मामलों में लक्की मारवत के यूनियन काउंसिल तख्तीखेल से 15 महीने की एक बच्ची, नॉर्थ वजीरिस्तान के यूनियन काउंसिल मीर अली-3 से छह महीने की एक बच्ची, और उमरकोट के यूनियन काउंसिल चाजरो से पांच साल का एक बच्चा शामिल है।

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, साल 2025 में अब तक खैबर पख्तूनख्वा से 10, सिंध से 5, पंजाब से 1 और पाकिस्तान अधिकृत गिलगित-बाल्टिस्तान से 1 मामला सामने आया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो मुख्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन वैक्सीनेशन से इसकी रोकथाम संभव है। पोलियो वैक्सीन को कई बार देने पर बच्चे को जीवनभर सुरक्षा मिल सकती है।

पोलियो के शुरुआती लक्षणों में बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में अकड़न और अंगों में दर्द शामिल हैं। 200 में से एक मामला स्थायी पक्षाघात का कारण बन सकता है, जो आमतौर पर पैरों को प्रभावित करता है। पक्षाघात से पीड़ित 5 से 10 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु भी हो सकती है।

--आईएएनएस

एमटी/एएस