एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान: 5 करोड़ से अधिक लोग हाइपरटेंशन और 3 करोड़ से ज्यादा डायबिटीज से ग्रसित

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत देशभर में 5.13 करोड़ से अधिक वयस्कों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) और 3.45 करोड़ लोगों में मधुमेह (डायबिटीज) का पता चला है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद के मानसून सत्र के दौरान दी।
 | 
एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान: 5 करोड़ से अधिक लोग हाइपरटेंशन और 3 करोड़ से ज्यादा डायबिटीज से ग्रसित

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के तहत देशभर में 5.13 करोड़ से अधिक वयस्कों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) और 3.45 करोड़ लोगों में मधुमेह (डायबिटीज) का पता चला है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद के मानसून सत्र के दौरान दी।

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम पहले एनपीसीडीसीएस के नाम से जाना जाता था, जिसे अब एनपी-एनसीडी के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत वर्ष 2016 में प्रारंभ किया गया। इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य जागरूकता, शुरुआती पहचान, प्रबंधन और उपयुक्त स्वास्थ्य संस्थानों में रेफरल सुनिश्चित करना है।

जाधव ने कहा, “30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को लक्षित कर इस पहल के तहत अब तक देशभर में 38.9 करोड़ से अधिक लोगों की उच्च रक्तचाप की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 5.13 करोड़ को यह बीमारी पाई गई और 4.74 करोड़ का इलाज चल रहा है।”

डायबिटीज को लेकर मंत्री ने बताया कि अब तक 38.7 करोड़ से ज्यादा लोगों की जांच हुई, जिनमें 3.45 करोड़ को डायबिटीज डायग्नोज हुआ और 2.83 करोड़ का उपचार जारी है।

इसके साथ ही मौखिक, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की स्क्रीनिंग भी की गई। मौखिक कैंसर के लिए 32.8 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की गई, जिसमें पाए गए मामलों में से 94 प्रतिशत का इलाज चल रहा है। स्तन कैंसर के लिए 17.2 करोड़ महिलाओं की जांच की गई, जिनमें 41,386 मामलों की पुष्टि हुई। साथ ही, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए 10.2 करोड़ से ज्यादा जांचें हुईं, जिनमें 90,291 मामलों की पहचान हुई है।

राज्य मंत्री ने बताया कि जिलों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर एनसीडी से निपटने के लिए बुनियादी ढांचा मजबूत किया गया है। यहां प्रशिक्षित फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों जैसे आशा और एएनएम के माध्यम से रोकथाम, नियंत्रण और जांच सेवाएं दी जा रही हैं।

इसके अलावा, टर्शियरी कैंसर केयर सुविधाओं को मजबूत करने की योजना के तहत, राज्य कैंसर संस्थानों (एससीआई) को अधिकतम 120 करोड़ रुपए और टर्शियरी कैंसर केयर सेंटर (टीसीसीसी) को 45 करोड़ रुपए तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

अब तक देशभर में 19 राज्य कैंसर संस्थान और 20 टर्शियरी केयर सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है, जो उन्नत कैंसर देखभाल, निदान, शोध और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

--आईएएनएस

डीएससी