कम प्रोसेस्ड खाना वजन घटाने में दोगुना असरदार, यूसीएल रिसर्च में खुलासा

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं और हेल्दी डाइट लेना चाहते हैं, तो कोशिश करें कि जो खाना आप खाते हैं, वो ज्यादा प्रोसेस्ड ना हो। एक रिसर्च में पता चला है कि अगर हम कम प्रोसेस्ड और ज्यादा नेचुरल खाना खाते हैं, तो खुद को स्वस्थ बनाए रखना आसान होता है।
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कम प्रोसेस्ड खाना वजन घटाने में दोगुना असरदार, यूसीएल रिसर्च में खुलासा

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं और हेल्दी डाइट लेना चाहते हैं, तो कोशिश करें कि जो खाना आप खाते हैं, वो ज्यादा प्रोसेस्ड ना हो। एक रिसर्च में पता चला है कि अगर हम कम प्रोसेस्ड और ज्यादा नेचुरल खाना खाते हैं, तो खुद को स्वस्थ बनाए रखना आसान होता है।

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने दो तरह की डाइट बनाई। पहली मिनिमली प्रोसेस्ड फूड (एमपीएफ) और दूसरी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (यूपीएफ) डाइट थी। दोनों डाइट्स में पोषण का ध्यान बराबर रखा गया।

नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित रिसर्च से पता चला कि जिन लोगों ने कम प्रोसेस्ड यानी मिनिमली प्रोसेस्ड वाला खाना खाया, उन्होंने उन लोगों की तुलना में दोगुना वजन कम किया जिन्होंने ज्यादा प्रोसेस्ड यानी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाना खाया था।

यूसीएल सेंटर फॉर ओबेसिटी रिसर्च के लेखक डॉ. सैमुअल डिकेन ने कहा, ''इस रिसर्च का मुख्य मकसद यह पता लगाना था कि डाइट से वजन पर क्या असर पड़ता है। दोनों डाइट्स पर लोगों ने वजन कम किया, लेकिन जो लोग कम प्रोसेस्ड खाना खा रहे थे, उनका वजन लगभग दोगुना तेजी से कम हुआ।''

इस रिसर्च में 55 वयस्कों को दो ग्रुप में बांटा गया। एक ग्रुप ने आठ हफ्ते तक एमपीएफ डाइट ली, जैसे ओवरनाइट ओट्स, घर में बनी स्पेगेटी बोलोनेज आदि। वहीं दूसरे ग्रुप ने यूपीएफ डाइट ली।

दोनों ग्रुप्स को जब आठ हफ्तों बाद देखा गया, तो दोनों ने वजन कम किया। लेकिन, एमपीएफ डाइट पर लगभग 2.06 प्रतिशत वजन कम हुआ। वहीं, यूपीएफ डाइट पर लगभग 1.05 प्रतिशत वजन कम हुआ। दोनों डाइट्स से फायदा हुआ, लेकिन कम प्रोसेस्ड खाना खाने वालों का वजन ज्यादा घटा।

यूसीएल के संक्रमण एवं प्रतिरक्षा विभाग के प्रोफेसर क्रिस वैन टुल्लेकेन ने कहा कि इस रिसर्च से ये बात साफ हो जाती है कि वजन बढ़ने की समस्या को सिर्फ व्यक्तिगत गलती मानना सही नहीं है, बल्कि हमारे खाने-पीने के आसपास का वातावरण भी इसका बड़ा कारण होता है।

--आईएएनएस

पीके/एएस