100 दिवसीय सघन अभियान ने 'टीबी मुक्त' भारत के लिए तैयार किया मजबूत आधार: पीएम मोदी

नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि 100 दिवसीय सघन टीबी मुक्त भारत अभियान ने 'टीबी मुक्त' भारत के लिए मजबूत आधार तैयार किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "टीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में उल्लेखनीय प्रगति देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने हाल ही में संपन्न 100 दिवसीय सघन टीबी मुक्त भारत अभियान पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जिसने टीबी मुक्त भारत के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है।"
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 100 दिवसीय अभियान 7 दिसंबर को शुरू किया, जो 24 मार्च 2025 को संपन्न हुआ।
इस अभियान में 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 455 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों को लक्षित किया गया, जिसका उद्देश्य टीबी के मामलों का पता लगाने में तेजी लाना, मृत्यु दर को कम करना और नए मामलों को रोकना था।
जेपी नड्डा ने लेख में कहा, "यह अभियान देश के कोने-कोने तक पहुंचा और कमजोर वर्ग के 12.97 करोड़ लोगों की जांच की गई।" उन्होंने कहा कि सघन अभियान के कारण 7.19 लाख टीबी मरीजों की पहचान की गई, जिनमें से 2.85 लाख मामले बिना लक्षण वाले थे।"
उन्होंने कहा कि 100 दिवसीय 'टीबी मुक्त' भारत अभियान को समर्थन देने के लिए 13.46 लाख से अधिक निक्षय शिविर आयोजित किए गए। इसके अलावा 30 हजार से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधि, कॉरपोरेट पार्टनर और आम नागरिक भी इस अभियान में शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इसके अलावा जेलों, खदानों, चाय बागानों, निर्माण स्थलों और कार्यस्थलों जैसे सामूहिक स्थानों पर 4.17 लाख से अधिक संवेदनशील आबादी की स्क्रीनिंग और परीक्षण किया गया।"
जनभागीदारी का हवाला देते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि 'अभियान अवधि के दौरान त्योहारों पर 21 हजार से अधिक टीबी जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें सभी वर्ग के नेताओं और सामुदायिक प्रभावशाली लोगों को शामिल किया गया।'
उन्होंने कहा, "केवल 100 दिनों में 1 लाख 5 हजार 181 नए नि-क्षय मित्र नामांकित किए गए, जहां व्यक्तियों और संगठनों ने टीबी प्रभावित परिवारों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान की।"
अभियान को केवल शुरुआत बताते हुए नड्डा ने कहा कि देश इन प्रयासों को राष्ट्रव्यापी स्तर पर आगे बढ़ाएगा, ताकि सभी नागरिकों को आधुनिक निदान, गुणवत्तापूर्ण उपचार और अटूट सामुदायिक समर्थन तक समान पहुंच मिले।
--आईएएनएस
एफजेड/