बॉडी पोस्चर में सुधार से लेकर तनाव दूर करने तक, जानें त्रिकोणासन के कई फायदे

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। बदलती जीवनशैली और भागदौड़ भरी दिनचर्या के बीच आज के समय में योग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। मानसिक तनाव, शारीरिक थकावट और बीमारियों से जूझते हुए लोग अब योग को स्वास्थ्य का आधार मानने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बचपन से ही योग की आदत बना ली जाए तो न केवल शरीर फिट रहता है, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति मजबूत होता है। योग के तमाम आसनों में से एक है 'त्रिकोणासन', जिसे अंग्रेजी में 'ट्राएंगल पोज' कहा जाता है। यह शरीर को संतुलन और लचीला बनाता है।
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बॉडी पोस्चर में सुधार से लेकर तनाव दूर करने तक, जानें त्रिकोणासन के कई फायदे

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। बदलती जीवनशैली और भागदौड़ भरी दिनचर्या के बीच आज के समय में योग हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। मानसिक तनाव, शारीरिक थकावट और बीमारियों से जूझते हुए लोग अब योग को स्वास्थ्य का आधार मानने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बचपन से ही योग की आदत बना ली जाए तो न केवल शरीर फिट रहता है, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति मजबूत होता है। योग के तमाम आसनों में से एक है 'त्रिकोणासन', जिसे अंग्रेजी में 'ट्राएंगल पोज' कहा जाता है। यह शरीर को संतुलन और लचीला बनाता है।

आयुष मंत्रालय के मुताबिक, त्रिकोणासन को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इसे करते समय हमारा हाथ, पैर और रीढ़ की हड्डी एक त्रिकोण का आकार बनाते हैं। यह आसन न केवल शरीर को आकार देता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

त्रिकोणासन कमर और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। जो लोग घंटों बैठकर काम करते हैं या जिन लोगों को पीठ दर्द की समस्या है, उनके लिए यह आसन काफी फायदेमंद है। इससे रीढ़ की नसों में खिंचाव आता है और लचीलापन बढ़ता है। साथ ही कमर के आसपास जमा फैट भी कम होता है। नियमित अभ्यास से खराब पोस्चर में भी सुधार होता है।

फ्लैट फुट की समस्या में त्रिकोणासन राहत देता है। फ्लैट फुट, यानी पैरों की प्राकृतिक आर्क का अभाव, आज एक सामान्य लेकिन नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है। त्रिकोणासन के अभ्यास से पैरों में संतुलन आता है और तलवे की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह पैरों के तलवे, टखने और पिंडली को सक्रिय करता है जिससे फ्लैट फुट की परेशानी से राहत मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति को चलने, दौड़ने और खड़े होने में स्थिरता और आराम मिलता है।

त्रिकोणासन तनाव और चिंता में राहत देता है। इस आसन को करते समय जब हम गहरी सांस लेते हैं, तो मानसिक तनाव और चिंता कम होने लगती है। यह आसन मस्तिष्क को शांत करता है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।

यह आसन पाचन तंत्र को सुधारता है। इस आसन से आंतों और पेट के अंगों पर हल्का दबाव पड़ता है, जिससे पाचन क्रिया सक्रिय होती है और गैस, अपच, कब्ज जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। यह आसन मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे भोजन जल्दी और सही तरीके से पचता है।

त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले पैरों को एक-दूसरे से लगभग तीन फीट की दूरी पर फैलाएं। अब अपने दोनों हाथों को कंधों की सीध में रखें और शरीर को संतुलित करें। दाहिने पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर घुमाएं और बाएं पैर को थोड़ा अंदर की ओर करें। अब गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से दाहिनी ओर झुकें। दाहिने हाथ से दाहिनी एड़ी को छूने की कोशिश करें और बायां हाथ सीधा ऊपर की ओर उठाएं। सिर को घुमाकर ऊपर की ओर देखें और इस स्थिति में सामान्य रूप से सांस लेते हुए कुछ सेकंड तक रहें और फिर सामान्य पॉजिशन में आजाएं।।

--आईएएनएस

पीके/केआर