हरी मिर्च : भोजन का बढ़ाए स्वाद तो डायबिटीज के मरीजों की खास दोस्त

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। हरी मिर्च न केवल स्वाद को बढ़ाती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, यह छोटी-सी मिर्च अपने औषधीय गुणों से कई बीमारियों का रामबाण इलाज है, खासकर डायबिटीज मरीजों के लिए।
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हरी मिर्च : भोजन का बढ़ाए स्वाद तो डायबिटीज के मरीजों की खास दोस्त

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। हरी मिर्च न केवल स्वाद को बढ़ाती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। आयुर्वेद के अनुसार, यह छोटी-सी मिर्च अपने औषधीय गुणों से कई बीमारियों का रामबाण इलाज है, खासकर डायबिटीज मरीजों के लिए।

पंजाब के ‘बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल’ के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी कहते हैं कि हरी मिर्च का नियमित और संतुलित सेवन स्वास्थ्य को कई लाभ देता है। हरी मिर्च में विटामिन ए, सी, के और फाइटोन्यूट्रिएंट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें बीटा-कैरोटीन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी मौजूद हैं, जो डायबिटीज को नियंत्रित करने, पाचन तंत्र को मजबूत करने और हृदय रोगों से बचाव में मददगार हैं।

आयुर्वेद में मिर्च को ‘कुमऋचा’ कहते हैं। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और इसका कैप्सेसिन तत्व शरीर के तापमान को संतुलित रखता है। इसके अलावा, हरी मिर्च सिरदर्द, थकान और अनिद्रा से राहत दिलाने में भी मददगार है, साथ ही शरीर को डिटॉक्स करने में भी सहायक है।

एक रिसर्च के अनुसार, हरी मिर्च में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल गुण सर्दी-जुकाम और फंगल इंफेक्शन से लड़ने में कारगर हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है और आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करती है। डायबिटीज मरीजों के लिए यह विशेष तौर पर लाभकारी है, क्योंकि यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करती है। नियमित रूप से एक हरी मिर्च खाने से इम्यूनिटी भी बढ़ती है, जो बदलते मौसम में रोगों से बचाव करती है।

वहीं, अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, मिर्च के यौगिक और पोषक तत्व खून के थक्के बनने, मोटापा, डायबिटीज, सूजन, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों के खिलाफ प्रभावी हैं। इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण हैं, जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीजन को बेअसर करते हैं। हाल के शोधों में पाया गया है कि मिर्च में मौजूद कैप्साइसिन नामक यौगिक वायरल बीमारियों, जैसे कोरोना वायरस को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, कैप्साइसिन मिर्च को दर्द निवारक के रूप में भी उपयोगी बनाता है।

हालांकि, आयुर्वेद सीमित मात्रा में सेवन की सलाह देता है। ज्यादा मिर्च से पेट में जलन हो सकती है। बवासीर के मरीजों को लाल मिर्च से बचना चाहिए, लेकिन हरी मिर्च सुरक्षित है। इसे सलाद, सब्जी या चटनी में शामिल कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह खाली पेट एक हरी मिर्च का सेवन पाचन को और बेहतर बनाता है।

--आईएएनएस

एमटी/एएस