सर्वाइकल दर्द से राहत पाने के लिए प्रभावी एक्सरसाइज

सर्वाइकल दर्द एक आम समस्या बन चुकी है, जो गलत जीवनशैली और बैठने की आदतों के कारण होती है। इस लेख में, हम सर्वाइकल दर्द के लक्षण, इसके कारण और राहत पाने के लिए प्रभावी एक्सरसाइज के बारे में चर्चा करेंगे। जानें कैसे नियमित एक्सरसाइज और कुछ सरल उपायों से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
 | 

सर्वाइकल दर्द और उसके कारण

आजकल की जीवनशैली पहले की तरह सक्रिय नहीं रह गई है। लंबे समय तक लैपटॉप और मोबाइल पर झुककर काम करना, गलत तरीके से बैठना, और शारीरिक गतिविधियों की कमी, ये सभी गर्दन पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। विशेष रूप से, ऑफिस में काम करने वाले लोग और युवा जो फोन का अधिक उपयोग करते हैं, इस समस्या का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, गलत ऊंचाई वाले तकिए का उपयोग, व्यायाम के बाद स्ट्रेचिंग न करना, और लगातार स्क्रीन पर नीचे देखना, ये आदतें भी गर्दन की हड्डियों और मांसपेशियों को प्रभावित करती हैं। इस कारण से, पिछले कुछ वर्षों में सर्वाइकल दर्द एक सामान्य समस्या बन गई है।


सर्वाइकल दर्द के लक्षण

यदि सर्वाइकल दर्द को समय पर गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह समस्या बढ़ सकती है। दर्द केवल गर्दन तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह कंधों, पीठ और हाथों तक फैल सकता है। गर्दन में जकड़न, चक्कर आना, सिरदर्द, हाथों में झनझनाहट, कमजोरी या सुन्नपन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे दैनिक कार्यों में कठिनाई होती है और मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर हो सकती हैं। लंबे समय तक लापरवाही करने पर फिजियोथेरेपी और दवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है।


सर्वाइकल दर्द के लिए फायदेमंद एक्सरसाइज

गाजियाबाद के MMG जिला अस्पताल में फिजियोथेरेपी विभाग के प्रमुख, सैयद जौहर अली नक़वी के अनुसार, आइसोमेट्रिक सर्वाइकल एक्सरसाइज इस समस्या में लाभकारी है। इस एक्सरसाइज में गर्दन को अधिक हिलाए बिना, हाथ की हल्की दबाव से मांसपेशियों को सक्रिय किया जाता है। जैसे गर्दन को आगे, पीछे, बाएं और दाएं हल्का दबाव देकर रोकना। इससे गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और स्थिरता बढ़ती है। नियमित रूप से करने पर जकड़न और दर्द में राहत मिलती है।


ट्रैपेज़ियस स्ट्रेचिंग में गर्दन और कंधे की तनी हुई मांसपेशियों को धीरे-धीरे खींचकर ढीला किया जाता है। इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है और दर्द में आराम मिलता है।


सर्वाइकल ट्रैक्शन फिजियोथेरेपिस्ट की देखरेख में किया जाता है। इसमें गर्दन को हल्का खिंचाव दिया जाता है जिससे नसों पर दबाव कम होता है और दर्द में राहत मिलती है।


सर्वाइकल दर्द से बचने के उपाय

मोबाइल या लैपटॉप को हमेशा आंखों की सीध में रखें।


हर एक घंटे में बैठने की पोजीशन बदलें।


बहुत ऊंचा या बहुत पतला तकिया न लें।


गर्दन और कंधों पर हल्की गर्म सिकाई करें।


एक्सरसाइज धीरे-धीरे और नियमित रूप से करें।


लगातार दर्द रहने पर फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें।