क्रिकेट खेलते समय हार्ट अटैक से हुई मौत: जानें दिल को कमजोर करने वाले कारण

हाल ही में नोएडा में क्रिकेट खेलते समय एक इंजीनियर की हार्ट अटैक से मौत हो गई, जो दिल की बीमारियों के बढ़ते मामलों का संकेत है। पिछले कुछ वर्षों में युवाओं में हार्ट अटैक की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे जीवनशैली और आदतें इस खतरे को बढ़ा रही हैं, और हार्ट अटैक के जोखिम कारकों को कम करने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
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क्रिकेट खेलते समय हार्ट अटैक से हुई मौत: जानें दिल को कमजोर करने वाले कारण

दिल की बीमारी का बढ़ता खतरा

Death due to heart attack while playing cricket, know which things make the heart weak?


दिल की बीमारियाँ वैश्विक स्तर पर मृत्यु का एक बड़ा कारण बन चुकी हैं, और भारत में इनका प्रसार पिछले पांच वर्षों में तेजी से बढ़ा है। हाल के वर्षों में, युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। हाल ही में, नोएडा में एक इंजीनियर को क्रिकेट खेलते समय हार्ट अटैक आया, जिससे उसकी जान चली गई।


घटना का विवरण

मृतक इंजीनियर, विकास नेगी, जब रन लेने के लिए दौड़ रहे थे, तभी अचानक गिर पड़े। विकेटकीपर और अन्य खिलाड़ी उनकी मदद के लिए दौड़े, लेकिन उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


कोविड का प्रभाव

विकास ने पहले कोविड का सामना किया था, लेकिन इसके बाद वह स्वस्थ हो गए थे। फिट रहने के लिए, वह अक्सर नोएडा और दिल्ली में क्रिकेट खेलते थे।


युवाओं में हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा

दिल से संबंधित समस्याओं में वृद्धि का मुख्य कारण हमारी तेज़ जीवनशैली और आदतों में बदलाव है। पहले हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों को प्रभावित करता था, लेकिन अब यह 30 से 40 वर्ष की आयु के युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है।


हार्ट अटैक के जोखिम कारक

हार्ट अटैक के जोखिम कारकों में तंबाकू का सेवन, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा शामिल हैं। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इन जोखिम कारकों को कम किया जा सकता है, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान से परहेज और शराब का सीमित सेवन शामिल है।