इयर बड का उपयोग: कान की सेहत के लिए खतरनाक

क्या आप इयर बड का इस्तेमाल करते हैं? जानें कि यह आपके कानों के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इयर बड का उपयोग कान के पर्दे को नुकसान पहुँचा सकता है और सुनने की क्षमता में कमी ला सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इयर बड का उपयोग क्यों करना चाहिए और इसके संभावित नुकसान क्या हैं।
 | 
इयर बड का उपयोग: कान की सेहत के लिए खतरनाक

इयर बड का उपयोग और कान की सुरक्षा


यदि आप अपने कान की मैल को साफ करने के लिए इयर बड का सहारा लेते हैं, तो आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। इयर बड आपके कानों को हानि पहुँचा सकते हैं, जिससे कान के पर्दे में फटने, सुनने की क्षमता में कमी, या अन्य कान संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय…


ENT विशेषज्ञ डॉ. गुणवंत यशलहा के अनुसार, सामान्यतः कान की मैल को साफ करने की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि यह कान में धूल-मिट्टी से सुरक्षा करती है और समय-समय पर खुद ही साफ हो जाती है। यहाँ 8 कारण दिए गए हैं जो बताते हैं कि इयर बड से कान साफ करना क्यों हानिकारक हो सकता है।



1 – बार-बार इयर बड का उपयोग करने से कान की नली का छेद चौड़ा हो जाता है, जिससे अधिक धूल-मिट्टी अंदर जा सकती है।


2 – इयर बड से कई बार मैल बाहर निकलने के बजाय अंदर धकेल दिया जाता है, जिससे सुनने में कमी और कान में सिटी बजने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।


3 – कान का पर्दा बहुत नाजुक होता है। इयर बड जैसी चीजें भी इसे नुकसान पहुँचा सकती हैं, जिससे कान के अंदर की त्वचा छिल सकती है।


4 – इयर बड की रुई कान में रह जाने से नहाने के दौरान पानी उसे सोख लेता है, जिससे फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।


5 – कभी-कभी इयर बड अनजाने में कान के अंदर चला जाता है और कान के पर्दे को नुकसान पहुँचा सकता है।


6 – इयर बड से मैल निकालने की कोशिश में कान में खुजली हो सकती है, जिससे बार-बार कान में कुछ डालने की आदत पड़ सकती है।


7 – पुरानी और गंदी इयर बड से मैल निकालने की कोशिश में कान में और गंदगी जा सकती है, जिससे इन्फेक्शन हो सकता है।


8 – कान का मैल चिपचिपा होता है, जो अंदर के पर्दे तक धूल और गंदगी पहुँचाने से रोकता है। इसे साफ करने से गंदगी पर्दे तक पहुँच सकती है और नुकसान कर सकती है।


यदि आपको यह पोस्ट पसंद आई हो, तो इसे अपने Whatsapp और Facebook पर साझा करें ताकि दूसरों को जागरूक किया जा सके।